इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मौजूदा सत्र में शानदार लय में होने के बाद भी भारतीय दिग्गज विराट कोहली को धीमीस्ट्राइक-रेट से रन बनाने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है लेकिन वेस्टइंडीज के पूर्व महान बल्लेबाज ब्रायन लारा ने आगामी टी20 विश्व कप में उन्हें टीम में शामिल करने की वकालत करते हुए कहा कि उनकी उपयोगिता स्ट्राइक-रेट से परे हैं।
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बल्लेबाज कोहली ने जयपुर में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ 67 गेंदों में शतक बनाया जो 2009 में मनीष पांडे के साथ इस टूर्नामेंट का सबसे धीमा शतक है। लारा ने स्टार स्पोर्ट्स के प्रेस रूम कार्यक्रम में कहा, स्ट्राइक-रेट बल्लेबाजी क्रम पर पर निर्भर करता है, और एक सलामी बल्लेबाज के लिए 130-140 का स्ट्राइक-रेट बुरा नहीं है। लेकिन अगर आप मध्यक्रम में आ रहे हैं तो आपको 150 या 160 के स्ट्राइक-रेट से रन बनाने की आवश्यकता हो सकती है।
जैसा कि आपने इस आईपीएल में देखा है, बल्लेबाज एक पारी के आखिरी ओवरों में 200 के स्ट्राइक-रेट से रन बना रहे हैं। उन्होंने कहा, कोहली जैसा सलामी बल्लेबाज आम तौर पर 130 के स्ट्राइक-रेट से पारी का आगाज करता है और फिर उसके पास 160 की स्ट्राइक रेट के साथ पारी खत्म करने का मौका होता है।
लारा ने कहा कि टी20 विश्व कप में कोहली और रोहित के साथ पारी की शुरुआत करना एक आकर्षक विकल्प हो सकता है, लेकिन उन्होंने इस स्थान के लिए एक अनुभवी खिलाड़ी के साथ एक युवा को आजमाने की वकालत की। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि रोहित और विराट का वेस्टइंडीज (विश्व कप के लिए)में सलामी बल्लेबाज के रूप में जाना भारत के लिए बहुत अच्छा रहेगा। मैं हालांकि मानता हूं कि पारी की शुरूआत में आपके कोई युवा खिलाड़ी होना चाहिये और इन अनुभवी खिलाड़ियों में से एक के पास मध्यक्रम में पारी को संवारने की जिम्मेदारी होनी चाहिये। इस वामहस्त बल्लेबाज ने कहा, ये अनुभवी खिलाड़ी अगर जल्दी आउट हो जाते है तो इससे टीम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए मैं रोहित और विराट में से एक को शीर्ष क्रम और दूसरे को तीसरे क्रम पर इस्तेमाल करुंगा।
खराब लय में चल रहे यशस्वी जायसवाल के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि टी20 विश्व कप के लिए टीम का चयन होना है और हो सकता हे कि इस खिलाड़ी के दिमाग मे यह बात चल रही हो। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में शानदार लय में रहे जायसवाल आईपीएल में चार मैचों में 9.75 की औसत से 39 रन ही बना पाये हैं। इस 54 साल के पूर्व खिलाड़ी ने कहा, इस साल की शुरुआत में उसने टेस्ट श्रृंखला में शानदार प्रदर्शन किया है। मुझे लगता है कि वह (चयन को लेकर) कुछ ज्यादा ही चिंतित हैं। इसका असर बल्लेबाजी में दिख रहा है उसके पास निश्चित रूप से क्षमता है लेकिन वह शॉट खेलने में जल्दबाजी कर रहा है। उन्होंने कहा, यह बिल्कुल स्वाभाविक है कि जयसवाल या (शुभमन) गिल या अभिषेक शर्मा या रियान पराग जैसे युवा खिलाड़ियों के दिमाग में यह बात चल रही हो। वे जानते हैं कि अगर वे यहां रन बनाते हैं, तो वे (भारत की) विश्व कप टीम में शामिल हो सकते हैं। लेकिन आपको इन दोनों चीजों को अलग करने की जरूरत है। मैंने अपने खेल के दिनों में इससे संघर्ष किया था। मेरी उन्हें सलाह है कि आईपीएल पर ध्यान केंद्रित करें, रन बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें और विश्व कप (चयन) अपने आप हो जाएगा। (भाषा)