उन्होंने कहा, ‘इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका श्रृंखला के दौरान हम उसे लेकर जितना जोर दे सकते थे उतना दिया क्योंकि वह इतना अच्छा गेंदबाज है कि हम इन दौरों पर उसे टीम में चाहते थे। आमिर के साथ जो कुछ भी संभव था वह हमने किया।’
आर्थर ने कहा, ‘वह इन 5 वर्षों का इस्तेमाल बेहतर तरीके से कर सकता था। इसे (स्पॉट फिक्सिंग) स्वीकार करने वाला वह पहला व्यक्ति था। लेकिन यह उसके लिए मुश्किल समय था और मैं इसे समझ सकता हूं।’ आर्थर का मानना है कि अगर आमिर ने स्पॉट फिक्सिंग प्रतिबंध के कारण 5 साल नहीं गंवाए होते तो वह पाकिस्तान के इतिहास के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों में से एक होता।
उन्होंने कहा, ‘इतने वर्ष पहले आमिर को लेकर जो हाईप बनी थी वह सही थी क्योंकि वह इतना स्तरीय गेंदबाज है। जब गेंद स्विंग लेती है तो उससे बेहतर अधिक लोग नहीं है। लेकिन वह अब वैसा गेंदबाज नहीं है जैसा 2009 और 2010 में था। वह अलग है, उसका शरीर अलग है।’ आर्थर ने कहा कि बायें हाथ का यह तेज गेंदबाज पिछले एक साल से अधिक समय से टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बारे में सोच रहा था।