तेज गेंदबाज नसीम शाह ने पाकिस्तान की टीम में असुरक्षा के माहौल पर खुलकर बात करते हुए कहा कि सीनियर खिलाड़ी थके होने के बावजूद ब्रेक नहीं लेते हैं क्योंकि उन्हें डर रहता है कि उनकी जगह कोई जूनियर खिलाड़ी ले लेगा।शाह कंधे की चोट के कारण पिछले साल भारत में खेले गए वनडे विश्व कप में नहीं खेल पाए थे। उन्होंने कहा कि चोट के कारण टीम से बाहर होने पर उन्हें भी अपनी जगह गंवाने का डर था।
शाह ने क्रिकविक से कहा,ईमानदारी से कहूं तो प्रमुख खिलाड़ी अपने शरीर को आराम देने से डरते हैं जबकि वह जानते हैं कि उन्हें ब्रेक की जरूरत है क्योंकि पाकिस्तान क्रिकेट का माहौल इस तरह से है कि अगर कोई नया खिलाड़ी आता है तथा एक या दो मैच में अच्छा प्रदर्शन करता है तो फिर आप नहीं जानते कि वह टीम में स्थायी तौर पर आपकी जगह ले लेगा।
उन्होंने कहा,इस डर के कारण खिलाड़ी आराम नहीं कर पाते हैं क्योंकि उन्हें डर रहता है कि उनका करियर यहीं समाप्त हो सकता है।नसीम ने कहा कि सीनियर खिलाड़ियों, टीम प्रबंधन, चयनकर्ताओं और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के बीच स्पष्टता और बेहतर संवाद स्थापित करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा,अन्य देशों में अगर किसी प्रमुख खिलाड़ी को विश्राम दिया जाता है तो उसे आश्वासन दिया जाता है कि अगर उनकी जगह चुना गया खिलाड़ी एक या दो मैच में अच्छा प्रदर्शन करेगा, तब भी उन्हें टीम से बाहर नहीं किया जाएगा।नसीम ने कहा कि अगर पाकिस्तान का कोई सीनियर खिलाड़ी शत प्रतिशत फिट महसूस नहीं कर रहा हो या उसके शरीर को आराम की जरूरत हो तो उसकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाए जाते हैं। (भाषा)