Under 19 World cup में एक भी मैच नहीं हारी है दोनों टीमें, फाइनल में होगी कांटे की टक्कर
शनिवार, 5 फ़रवरी 2022 (06:51 IST)
एंटिगा: भारत और इंग्लैंड के बीच शनिवार को यहां आईसीसी पुरुष अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में एक रोमांचक मुकाबला होने की उम्मीद है। भारत ने बुधवार को सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया पर 96 रन की जीत दर्ज की। वहीं, मंगलवार को इंग्लैंड ने अफगानिस्तान को 15 रनों से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। गौरतलब है कि यह भारत का लगातार चौथा फाइनल होगा, जबकि इंग्लैंड ने 1998 के बाद से कभी भी टूर्नामेंट नहीं जीता है।
बल्लेबाजी है दोनों टीमों की ताकत
दोनों ही टीमों के पास शानदार बल्लेबाजों का भंडार है। कप्तान यश धुल ने सेमीफाइनल मैच में शानदार 110 रन की पारी खेली थी। वह फाइनल में इसी फॉर्म को लेकर मैदान में उतरेंगे।
सलामी बल्लेबाज अंगकृष रघुवंशी ने टूर्नामेंट में भारत के लिए 55.60 के औसत से 278 रन बनाए हैं वह भारत के लिए टूर्नामेंट में सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। इसमें ग्रुप चरण में युगांडा के खिलाफ खेली गई 144 रन की पारी शामिल है।
ऑलराउंडर राज अंगद बावा इस टूर्नामेंट में भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने 217 रन बनाए हैं, जिसमें युगांडा के खिलाफ नाबाद 162 रन की रिकॉर्ड तोड़ पारी शामिल है। इसके अलावा उन्होंने 29.75 के औसत से चार विकेट भी लिए हैं।
दूसरी ओर इंग्लैंड के लिए कप्तान टॉम प्रेस्ट और जुझारू जैकब बेथेल ने पूरे टूर्नामेंट में बहतरीन प्रदर्शन किया है।प्रेस्ट ने प्रतियोगिता में अब तक 73 केऔसत से 292 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने ग्रुप चरण में यूएई के खिलाफ शतक और कनाडा के खिलाफ अर्धशतक भी लगाया।
कलाई के स्पिनर रेहान अहमद इस टूर्नामेंट में इंग्लैंड के लिए बेहतरीन खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने अपने कौशल और कला से सबको प्रभावित किया है और इंग्लैंड को बीच के ओवरों में महत्वपूर्ण सफलता दिलाने में अहम भूमिका निभाई है।अहमद ने अब तक खेले तीन मैचों में 9.91 के औसत से 12 विकेट लिए हैं । वह भारत के खिलाफ फाइनल में मुख्य हथियार होंगे।
गेंदबाजी में भारत इंग्लैड से कागज में बेहतर
भारतीय गेंदबाजों ने टूर्नामेंट में 50 विकेट चटकाए हैं, जो इंग्लैंड की तुलना में एक विकेट अधिक है। लेफ्ट आर्म स्पिनर विक्की ओस्तवाल भारत के लिए 10.75 के औसत से 12 विकेट लेकर सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। उन्होंने इस प्रतियोगिता के अपने पहले ही मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 28 रन पर पांच विकेट लिए थे।
इंग्लैंड के लिए बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जोशुआ बॉयडेन महज 9.53 के औसत से 13 विकेट लेकर इंग्लैंड की ओर से सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं।
बिना एक मैच हारे फाइनल तक पहुंचा है भारत
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टूर्नामेंट के अपने पहले मैच में भारत ने काफी संघर्ष किया, लेकिन कप्तान ढुल की 82 रनों की अच्छी पारी और मध्य और निचले क्रम के महत्वपूर्ण योगदान ने उन्हें 232 रनों पर पहुंचा दिया। इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरी दक्षिण अफ्रीकी टीम को भारतीय गेंदबाजों ने तहस-नहस कर दिया। भारत की ओर से ओस्तवाल ने पांच और तेज गेंदबाज बावा ने चार विकेट लिए।
इसके बाद भारत ने आयरलैंड और युगांडा को क्रमश: 174 और 326 रनों से धूल चटाई।इस दौरान कोविड-19 ने भारतीय टीम को प्रभावित किया और कुछ मैचों में प्रमुख खिलाड़ी भाग नहीं ले सके, लेकिन भारत ने दिखाया कि उसके पास कितनी गहराई है, क्योंकि बेंच के खिलाड़ियों ने प्रभावशाली प्रदर्शन किया।
भारतीय टीम ने नॉकआउट चरणों में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने क्वार्टर फाइनल में बांग्लादेश को पांच विकेट से हराया और सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 96 रन से हराकर फाइनल में जगह बनाई।
इंग्लैंड ने भी शुरुआत से नहीं गंवाया है एक भी मैच
दूसरी ओर इंग्लैंड ने बंगलादेश के खिलाफ बसेटेरे में अपने सफर की शुरुआत की। उन्होंने पहले मैच में बंगलादेश को केवल 97 रन पर आउट कर दिया और फिर सात विकेट रहते लक्ष्य को हासिल किया। इंग्लैंड ने अगले दो मैचों में भी जीत का सिलसिला जारी रखा और कनाडा के खिलाफ 106 रन से जीत हासिल की और फिर यूएई को 189 रनों से हराया।
क्वार्टर फाइनल में इंग्लैंड को मजबूत दक्षिण अफ्रीका का सामना करना पड़ा। इस दौरान उन्होंने पेशेवर प्रदर्शन दिखाते हुए छह विकेट से जीत हासिल की।अफगानिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में वह फेवेरिट थे, लेकिन सेमीफाइनल में उन्हें अब तक की सबसे कठिन परीक्षा का सामना करना पड़ा। अफगानिस्तान ने 106 रन पर उनके पांच विकेट गिराकर शिकंजा कस लिया था, लेकिन जॉर्ज बेल और एलेक्स हॉर्टन के शानदार अर्द्धशतक ने उन्हें 231 रनों तक पहुंचाने में मदद की। जवाब में बारिश से बाधित मैच में अफगानिस्तान को 47 ओवर्स में 230 रन बनाने में लेकिन वह लक्ष्य से 15 रन पीछे रह गए।
फाइनल के रोचक होने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन भारत टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही फेवेरिट माना जा रहा था, जो उसने अपने खेल में दिखाया भी. भारत ने पूरे टूर्नामेंट में अपना वर्चस्व बनाए रखा और ऐसा कभी भी नहीं लगा कि भारत हार सकता है। (वार्ता)