Jasprit Bumrah Rohit Sharma : खराब फॉर्म से जूझ रहे भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ पांचवें और आखिरी टेस्ट से शुक्रवार को खुद को बाहर रखा जिससे टेस्ट क्रिकेट में उनके भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लग गया।
रोहित अपने खराब फॉर्म की वजह से किसी मैच से बाहर रहने वाले पहले भारतीय कप्तान बने। उपकप्तान जसप्रीत बुमराह आखिरी टेस्ट में कप्तानी कर रहे हैं जिन्होंने रोहित की गैर मौजूदगी में पहले टेस्ट में भी कप्तानी की थी। भारत ने इस दौरे पर एकमात्र टेस्ट पर्थ में 295 रन से जीता था।
बुमराह ने टॉस के समय कहा , हमारे कप्तान ने नेतृत्व का परिचय देकर खुद को इस टेस्ट से आराम दिया है।
उन्होंने कहा , इससे साबित होता है कि टीम में कितनी एकता है।
रोहित तीन टेस्ट की पांच पारियों में सिर्फ 31 रन बना सके हैं। सीमित ओवरों के क्रिकेट के दिग्गज 37 वर्ष के रोहित इन पारियों में सहज नहीं लगे और अपने चिर परिचित शॉट भी नहीं खेल पाये।
Jasprit Bumrah said, "our captain Rohit Sharma has opted to rest for this Test, so this shows there's lots of unity in this team". pic.twitter.com/HJvzJEAfLL
मैच से पहले वॉर्मअप में रोहित को विराट कोहली, ऋषभ पंत और सरफराज खान के साथ फुटबॉल खेलते देखा गया। वह टीम के वीडियो विश्लेषक हरि प्रसाद से भी बात कर रहे थे । वह टॉस से ठीक पहले आउटफील्ड से चले गए और टॉस के लिये बुमराह आए।
टीवी कैमरे ने जब उनकी ओर रूख किया तो रोहित ड्रेसिंग रूम में सहायक कोच रियान टेन डोइशे के साथ बैठे थे जबकि मुख्य कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) दोनों से दूर बैठे थे।
भारत के पूर्व खिलाड़ी संजय मांजरेकर ने रोहित के फैसले की सराहना की।
उन्होंने एक्स पर लिखा , रोहित शर्मा ने वही किया जिसके लिए वह जाने जाते हैं। सही समय पर टीम के हित में सही फैसला। इस मसले को लेकर इतना रहस्य हालांकि समझ में नहीं आया । टॉस पर भी इस पर बात नहीं की गई।
पांचवें टेस्ट से एक दिन पहले भारत के अभ्यास सत्र में ही स्पष्ट हो गया था कि रोहित बाहर रहने वाले हैं। मेलबर्न में चौथा टेस्ट हारने के बाद ही उनके भविष्य को लेकर अटकलें लगने लगी थी।
रोहित ने 2024 में टेस्ट क्रिकेट में 14 मैचों की 26 पारियों में 24 . 76 की औसत से 619 रन बनाए हैं। उन्होंने मेलबर्न में 67वां टेस्ट खेला और वह जल्दी ही इस प्रारूप को अलविदा कह सकते हैं।
सीमित ओवरों के क्रिकेट में मिली सफलता को वह टेस्ट क्रिकेट में अपने 11 वर्ष के कैरियर में दोहरा नहीं सके हैं।
उन्होंने 2013 में मध्यक्रम के बल्लेबाज के तौर पर टेस्ट में डेब्यू किया लेकिन असली सफलता 2019 से सलामी बल्लेबाज के तौर पर खेलते हुए मिली।