IND vs AUS Pink Ball Test : अपने पहले दिन-रात्रि टेस्ट की तैयारी कर रहे भारत के अनुभवी बल्लेबाज लोकेश राहुल (KL Rahul) यह परखने में सफल रहे हैं कि गुलाबी कूकाबुरा गेंद तेज गति से आती है, फील्डिंग करते समय हाथों पर अधिक जोर से लगती है और गेंदबाज के हाथ से इसे समझना काफी मुश्किल है।
बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी में 77 रन बनाकर टीम को 295 रन से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले राहुल गुलाबी गेंद से अभ्यास सत्र के दौरान अधिक से अधिक सीखने की कोशिश कर रहे हैं।
IND vs AUS Pink Ball Test : KL Rahul ने कहा 'बल्लेबाजी के दौरान भी ऐसा ही है। लगता है कि यह गेंद लाल गेंद की तुलना में अधिक गति से आ रही है और सीम से अधिक मदद हासिल कर रही है।'
अब तक के अपने करियर में 54 टेस्ट में 3000 से अधिक रन बनाने वाले राहुल ने कहा, फील्डिंग के समय भी यह गेंद लाल गेंद के मुकाबले अधिक ठोस लगती है। ऐसा लगता है जैसे गेंद थोड़ी तेज गति से हाथ में आ रही है और अधिक ठोस है।
पांच मैचों की सीरीज का दूसरा टेस्ट एडिलेड (Adelaide) में शुक्रवार से खेला जाएगा।
उन्होंने कहा, बल्लेबाजी के दौरान भी ऐसा ही है। लगता है कि यह गेंद लाल गेंद की तुलना में अधिक गति से आ रही है और सीम से अधिक मदद हासिल कर रही है।
उन्होंने कहा, हम इस चुनौती का इंतजार कर रहे हैं। यह मेरा पहला गुलाबी गेंद वाला मैच है इसलिए मैं मैदान में पहुंच कर असल चुनौती का सामना करना चाहूंगा।
राहुल ने कहा, आप अगर गुलाबी गेंद को देखें तो इसकी चमक जल्दी खत्म नहीं होती है और इससे तेज गेंदबाजों को काफी मदद मिलेगी। पर्थ टेस्ट के पहले दिन भी गेंद को सीम से काफी मदद मिल रही थी।
Question: Rahul, have you been told where you will be going to bat? [RevSportz]
KL Rahul said "I have been told, but I have also been told not to share it with you".
गुलाबी गेंद से खेलने का सबसे अच्छा तरीका क्या है, यह पूछने पर राहुल ने सीधा जवाब दिया।
उन्होंने कहा, यह खिलाड़ी विशेष पर निर्भर करता है। कुछ खिलाड़ियों के लिए गेंदबाज के हाथों को पढ़ना थोड़ा मुश्किल होता है। गेंद छोड़ने से पहले गेंदबाज के हाथ को समझने से चीजें थोड़ी आसान हो जाती है। इससे आप गेंद पर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए अच्छी स्थिति में होते हैं। हमारे बल्लेबाज इसी बारे में बात कर रहे हैं।
राहुल गुलाबी गेंद की चुनौती से निपटने के लिए विराट कोहली (Virat Kohli) और अन्य बल्लेबाजों से बात कर रहे हैं। भारत ने गुलाबी गेंद से चार टेस्ट मैच खेले है। इसमें तीन टेस्ट घरेलू मैदान पर खेले गए है जबकि एक एडिलेड में 2021 के दौरे पर खेला गया था।
राहुल ने कहा, टीम के कुछ खिलाड़ियों की तरह मुझे अभी तक इस तरह के मैच का अनुभव नहीं है। मैं खिलाड़ियों से बात कर रहा हूं और यह समझने की कोशिश कर रहा हूं कि उन्हें कौन सी चीजें कठिन लगीं और क्या कोई बदलाव की जरूरत थी।
"I have batted a lot in the top order, so I know how I need to get my runs & processes to follow."#TeamIndia batter KL Rahul talks about adapting to the challenges of opening the batting. #AUSvIND | @klrahulpic.twitter.com/nnH07U1nSe
ऑस्ट्रेलिया ने गुलाबी गेंद से अब तक एक भी टेस्ट मैच नहीं गंवाया है लेकिन राहुल ने कहा कि पर्थ टेस्ट में जीत से टीम का आत्मविश्वास बढ़ा है।
उन्होंने कहा, हमारा आत्मविश्वास मजबूत है। गुलाबी गेंद से काफी अलग तरह की चुनौती होगी लेकिन हम पिछले मैच से मिले आत्मविश्वास के साथ मैदान में उतरेंगे।
उन्होंने कहा, जब आप घर से बाहर तेज गेंदबाजों के लिए अनुकूल परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो आपको काफी आत्मविश्वास मिलता है। आप जानते हैं कि क्या करना है। आप उन प्रक्रियाओं को बार-बार दोहराने की कोशिश करते हैं। (भाषा)