दक्षिण अफ्रीका के विकेटकीपर बल्लेबाज हेनरिक क्लासेन ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की है जिससे लाल गेंद के प्रारूप में उनका संक्षिप्त करियर खत्म हो गया।रांची में 2019 में भारत के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले 32 साल के क्लासेन ने अपने संक्षिप्त टेस्ट करियर में चार मैच खेले। वह अपना आखिरी टेस्ट पिछले साल जोहानिसबर्ग में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले थे।
क्लासेन ने अपने टेस्ट करियर में 13.00 के औसत से 104 रन बनाए और सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 35 रन उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी रही।क्लासेन हालांकि सफेद गेंद के प्रारूप में दक्षिण अफ्रीका का प्रतिनिधित्व करने के लिए उपलब्ध रहेंगे।
इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने बयान में कहा, मैं सही फैसला कर रहा हूं या नहीं इसे लेकर कुछ दिन नींद नहीं आई। मैंने लाल गेंद के क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है।क्लासेन ने कहा, मैंने यह मुश्किल फैसला किया है क्योंकि यह खेल का मेरा सबसे पसंदीदा प्रारूप है। मैंने मैदान के अंदर और बाहर जो लड़ाई लड़ी उसने मुझे वह क्रिकेटर बनाया जो मैं आज हूं।
उन्होंने कहा, यह शानदार सफर रहा और मुझे खुशी है कि मैं अपने देश का प्रतिनिधित्व कर पाया।इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा, मुझे जो टेस्ट कैप मिली वह मेरे लिए सबसे कीमती कैप है। मेरे लाल गेंद के करियर में भूमिका निभाने और मैं आज जो क्रिकेटर हूं मुझे वह बनाने में मदद के लिए सभी को धन्यवाद।
Heinrich Klaasen Calls It A Day
Proteas wicketkeeper batter Heinrich Klaasen has today announced his retirement from Test cricket
उन्होंने कहा,लेकिन अब एक नई चुनौती इंतजार कर रही है और मैं उसे लेकर उत्सुक हूं।माना जा रहा है कि यह आक्रामक बल्लेबाज टी20 फ्रेंचाइजी लीग में खेलने को लेकर उत्सुक है। क्लासेन आईपीएल, द हंड्रेड और एमएलसी जैसी टी20 लीग में भी खेलते हैं।
वह एक हफ्ते के भीतर टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने वाले दक्षिण अफ्रीका के दूसरे क्रिकेटर हैं।पिछले हफ्ते भारत के खिलाफ दो टेस्ट की श्रृंखला 1-1 से बराबर रहने के साथ डीन एल्गर ने भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।
क्लासेन को भारत के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला के लिए मौका नहीं दिया गया था क्योंकि मुख्य कोच शुक्री कोनरेड ने काइल वेरिने को खिलाने का फैसला किया था। (भाषा)