दक्षिण अफ्रीका को बड़ा झटका, कीपर डिकॉक ने टेस्ट क्रिकेट से अचानक लिया संन्यास
शुक्रवार, 31 दिसंबर 2021 (13:45 IST)
जोहानसबर्ग: अपने अभेद्य किले सेंचुरियन में भारत के हाथों 113 रनों से हार के बाद दक्षिण अफ्रीका के लिए एक और बुरी खबर सामने आ रही है।
अनुभवी विकेटकीपर क्विंटन डिकॉक ने अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताने के लिए अचानक टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। डिकॉक पितृत्व अवकाश के कारण दूसरे और तीसरे टेस्ट में नहीं खेलने वाले थे, लेकिन अब उन्होंने पूरी तरह से क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप से विदाई लेने का फ़ैसला कर लिया है। वह दक्षिण अफ़्रीका के लिए सफ़ेद गेंद क्रिकेट में मौज़ूद रहेंगे।
गौरतलब है कि बड़े नामों के संन्यास के बाद दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी काफी कमजोर हो गई है। जो पहले टेस्ट में भारत के खिलाफ भी दिखा। किसी भी पारी में दक्षिण अफ्रीका 200 रन तक नहीं पुहंच पायी और ना ही 2 सत्र से ज्यादा बल्लेबाजी कर पायी।
डि कॉक बहुत बड़ा स्कोर तो नहीं बना सके लेकिन दोनों ही पारियों में वह लय में दिखे लेकिन अपनी गलती से विकेट गंवा बैठे। उनका सीरीज में ना होना मेजबान के लिए और मुसीबतें खड़ा करने वाला है।
BREAKING: #Proteas wicket-keeper batsman, Quinton de Kock has announced his retirement from Test cricket with immediate effect, citing his intentions to spend more time with his growing family.
डिकॉक ने क्रिकेट साउथ अफ़्रीका (सीएसए) की ओर से जारी एक बयान में कहा, "यह ऐसा फ़ैसला नहीं है जिस पर मैं आसानी पहुंच गया हूं। मैंने यह सोचने में बहुत समय लिया है कि मेरा भविष्य कैसा दिखता है और अब मेरे जीवन में क्या प्राथमिकता होनी चाहिए। साशा और मैं इस दुनिया में अपने पहले बच्चे का स्वागत करने वाले हैं और अब हम अपने परिवार को उससे आगे बढ़ाना चाहते हैं। मेरा परिवार मेरे लिए सब कुछ है और मैं चाहता हूं कि हमारे पास हमारे जीवन के इस नए और रोमांचक अध्याय के दौरान उनके साथ रहने के लिए समय और जगह हो।"
उन्होंने कहा,"मुझे टेस्ट क्रिकेट पसंद है और मुझे अपने देश का प्रतिनिधित्व करना पसंद है। मैंने उतार-चढ़ाव, उत्सव और यहां तक कि निराशाओं का भी आनंद लिया है, लेकिन अब मुझे कुछ ऐसा मिला है जो मुझे और भी अधिक पसंद है।ज़िंदगी में आप समय के सिवाए कुछ भी ख़रीद सकते हैं और इस समय, उनके लिए सही करने का समय है जो मेरी ज़िंदगी में सबसे ज़्यादा मायने रखते हैं। मैं इस मौक़े पर उन सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं जो शुरू से ही मेरी टेस्ट क्रिकेट यात्रा का हिस्सा रहे हैं। मेरे कोचों, टीम के साथियों, विभिन्न प्रबंधन टीमों और मेरे परिवार और दोस्तों के लिए। अगर मेरे पास आप लोगों का साथ नहीं होता तो मैं ख़ुद को साबित नहीं कर सकता था।"
डी कॉक ने कहा,"यह मेरे करियर का अंत नहीं है। मैं सफ़ेद गेंद क्रिकेट में खेलना जारी रखूंगा और अपने देश के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहूंगा। मैं अपनी टीम के सभी साथियों को इस सीरीज़ के आने वाले दो मैचों के लिए शुभकामनाएं देता हूं। आप सभी से अब वनडे और टी20 में मुलाक़ात होगी।"
29 वर्षीय डिकॉक ने 2021 की शुरुआत साउथ अफ़्रीका के अस्थायी टेस्ट कप्तान के रूप में की थी और इस प्रारूप से संन्यास लेकर इसे समाप्त किया। उन्होंने श्रीलंका और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ चार टेस्ट मैचों में 50% जीत के रिकॉर्ड के साथ दक्षिण अफ़्रीका का नेतृत्व किया। दक्षिण अफ़्रीका ने श्रीलंका को घर में 2-0 से हराया लेकिन पाकिस्तान से उसी अंतर से हार गया।
डिकॉक ने कोविड-19 महामारी में बायो बबल जीवन के प्रतिबंधों पर चिंता व्यक्त की थी और उन्हें दक्षिण अफ़्रीका की वनडे टीम में श्रीलंका और नीदरलैंड के ख़िलाफ़ आराम दिया गया था।
डी कॉक इस देश के उन कई खिलाड़ियों में से एक थे जिन्होंने सफ़ेद गेंद क्रिकेट में #ब्लैकलाइब्स मैटर के तहत घुटने नहीं लेने का विकल्प चुना, जबकि दक्षिण अफ़्रीका ने अपने खिलाड़ियों को घुटने टेकने, मुट्ठी उठाने या ध्यान देने का विकल्प देने का फ़ैसला किया था। उन्होंने वेस्टइंडीज़ के दौरे पर पहली बार उनमें से किसी को भी नहीं चुना, लेकिन अफ़ग़ानिस्तान में घायल हुए एक दोस्त को श्रद्धांजलि में तीन-उंगली की सलामी दी।
टी20 विश्व कप में, जब सीएसए ने खिलाड़ियों को घुटने टेकने के लिए बाध्य किया, तो डिकॉक ने शुरू में इससे इनकार कर दिया और परिणामस्वरूप वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ मैच में वह नहीं खेले। बाद में उन्होंने माफ़ी मांगी और तब से घुटने टेकना शुरू किया था।
डिकॉक ने 2014 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और 54 टेस्ट खेले, जिसमें छह शतकों के साथ 38.82 के औसत से 3300 रन बनाए। उनका पहला शतक उसी सुपरस्पोर्ट मैदान पर आया था, जिसमें उन्होंने अपना आख़िरी टेस्ट खेला। उन्होंने तब 7वें नंबर पर आकर नाबाद 129 रन बनाए थे और दक्षिण अफ़्रीका ने उस मैच में 2016 में इंग्लैंड को 280 रन से हराया था। उन्होंने बाद में होबार्ट में मैच जिताने वाला शतक बनाया। उस वर्ष दक्षिण अफ़्रीका ऑस्ट्रेलिया में लगातार तीसरी सीरीज़ जीतने में क़ामयाब हुई थी।