टीम के स्वदेश लौटने पर मुंबई में आयोजित सम्मान समारोह में द्रविड़ ने हालांकि माना कि यह टीम का भले ही सुनहरा सफर है लेकिन उनकी असली चुनौती भी अब शुरू होगी। युवा टीम को विश्व चैंपियन बनाने वाले कोच ने कहा, खिलाड़ियों के लिए चुनौती अब शुरू होगी। उन्हें अब ज्यादा मेहनत करनी होगी और अगले कुछ वर्षों में इनका काम और मेहनत ही आगे का रास्ता तय करेगी।
कोच ने कहा, इसके साथ इन खिलाड़ियों को अपने खेल में निरंतरता बनाए रखने पर भी ध्यान देना होगा। पूर्व भारतीय कप्तान ने साथ ही माना कि अंडर-19 टीम के प्रत्येक खिलाड़ी के लिए सीनियर राष्ट्रीय टीम में जगह बनाना भी आसान नहीं होगा।
उन्होंने कहा, हर खिलाड़ी के लिए सीनियर टीम में जगह बनाना आसान नहीं होगा। हालांकि यह उनके प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। यदि वे प्रथम श्रेणी में सफल रहते हैं तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनके लिए रास्ता बन सकता है। द्रविड़ ने चैंपियन टीम इंडिया और टूर्नामेंट में उनके अपराजेय क्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसका श्रेय उनकी ट्रेनिंग को जाता है जिसके लिए वर्षों की मेहनत की गई है।
उन्होंने कहा, हमने पिछले 14 से 16 महीने तक इन खिलाड़ियों के साथ जितना काम किया है, उसकी वजह से विश्वकप में इनका खेल उच्च स्तर का रहा है। हर खिलाड़ी को समय के साथ और बेहतर बनाने पर जोर दिया गया।
उन्होंने कहा, मैं सभी खिलाड़ियों के लिए खुश हूं, जो टूर्नामेंट में एक भी मैच नहीं हारे क्योंकि उन्होंने इसके लिए बहुत मेहनत की थी। सभी ने इसके लिए बलिदान भी दिए और सभी खिलाड़ियों ने एक-दूसरे के साथ टीम की तरह खेला। सभी ने दबाव में भी अच्छा प्रदर्शन किया। कोच ने कहा, मैं चाहता हूं कि सभी खिलाड़ी प्रथम श्रेणी में अच्छा प्रदर्शन करें, यदि वे विफल भी हो जाएं तब भी मेहनत करें। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करना बेहद जरूरी है। (वार्ता)