राजस्थान रॉयल्स 7 मैच हारकर आईपीएल 2025 की प्लेऑफ से बाहर होने वाली पहली टीम बन गई। जबकि चेन्नई और हैदराबाद ने कहीं खराब क्रिकेट खेली है। दरअसल इसकी पटकथा रीटेंशन और नीलामी के दौरान ही लिख दी गई थी।
कोर टीम को रीटेन करने में गंवा दिए करोड़ो जिन्होंने कुछ नहीं किया
41 करोड़ रुपए लेकर नीलामी में उतरी राजस्थान रॉयल्स ने नीलामी में 14 खिलाड़ियों को खरीदा। उसने छह खिलाड़ियों को रिटेन भी किया था।राजस्थान रॉयल्स ने अपनी पूरी कोर टीम को रीटेन करने में बहुत से पैसे (79 करोड़) गंवा दिए थे। यहां तक की उसके पास कोई राइट टू मैच कार्ड भी नहीं था जिससे वह अपने अनुभवी तेज गेंदबाज ट्रैंट बोल्ट को टीम में वापस ले सके।
रिटेन किए गए खिलाड़ियों में पांच बल्लेबाज और संदीप शर्मा के रूप में केवल एक गेंदबाज शामिल था, ऐसे में टीम का ध्यान गेंदबाजी को मजबूती देने पर था। विकेटकीपर संजू सैमसन को 18 करोड़ रुपए मिले थे और इतनी ही रकम सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल को मिले थे ।आश्चर्य की बात है कि रियान पराग को 14 करोड़ रुपए मिले थे। इतनी ही राशि ध्रुव जुरेल को मिली थी।
जॉस बटलर को नहीं किया रीटेन, शिमरन हिटमायर पर खेला दांव गया बेकार
फैंस के लिए सबसे चिंता का सबब यह रहा कि टीम ने जॉस बटलर को रीटेन करने की कोशिश नहीं की और उनकी जगह कई समय से खराब फॉर्म में चल रहे थे शिमरोन हेटमायेर को 11 करोड़ देकर रीटेन कर लिया।फिनीशर की भूमिका में आने वाले शिमरोन हेटमायेर कितने बुरे फ्लॉप रहे हैं इसका अंदाजा इस ही बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 3 मैच राजस्थान 9 रन या इससे भी कम अंतर से हारी है जिसमें एक सुपर ओवर भी था।
शीर्ष क्रम की विफलता
यशस्वी जायसवाल को फॉर्म में आने तक जरूरत से ज्यादा समय लग गया। तब तक बहुत देर हो चुकी थी। शुरुआती मैच में संजू सैमसन चोटिल थे। इसके बाद फिर एक मैच के लिए चोटिल हो गए तो उनकी निरंतरता पर फर्क पड़ा। टीम ने सबसे युवा सलामी बल्लेबाज वैभव रघुवंशी को आजमाया जिन्होंने पहले मैच में ही जलवा दिखाया लेकिन तब तक बहुत देर हो गई थी।
तेज गेंदबाजी में जोफ्रा आर्चर पर जरूरत से ज्यादा निर्भरता
उन्होंने जोफ्रा आर्चर के लिए 12.5 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी।जोफ्रा आर्चर इस बार आईपीएल की खोज रहे लेकिन पूरे सत्र में टीम उन पर कुछ ज्यादा ही निर्भर रही। उनको दूसरे छोर से साथ नहीं मिला। संदीप शर्मा और फहलह फारूकी फीके रहे।
श्रीलंकाई स्पिन गेंदबाज नहीं डाल पाए कोई असर
युजवेंद्र चहल और आर अश्विन जैसे गेंदबाजों की कमी को श्रीलंका के महेश तीक्षाना और वानिंदु हसरंगा बिल्कुल भी पूरा नहीं कर सके। इन गेंदबाजों को विकेट तो मिले नहीं उल्टा रन लुटाए वो अलग।