इस कारण WTC फाइनल को ‘बेस्ट ऑफ थ्री’ फॉर्मेट में करवाने की पैरवी कर रहे हैं रवि शास्त्री

बुधवार, 2 जून 2021 (20:40 IST)
मुंबई: भारतीय क्रिकेट टीम विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के शुरूआती मुकाबले में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलने को तैयार है लेकिन मुख्य कोच रवि शास्त्री मानते हैं कि लंबे समय में इस फाइनल को एक मैच के बजाय ‘बेस्ट ऑफ थ्री’ मुकाबला होना चाहिए।
 
भारतीय टीम 18 जून से साउथम्पटन में न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाले विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में खेलने के लिये गुरूवार को तड़के ब्रिटेन रवाना होगी। इसके बाद टीम चार अगस्त से इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैच खेलेगी।
 
शास्त्री ने रवानगी से पूर्व आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बुधवार को कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अगर वे इस टेस्ट चैम्पियनशिप अपनाना चाहते हैं तो भविष्य में ‘बेस्ट ऑफ थ्री’ फाइनल आदर्श होगा। ढाई साल के क्रिकेट के समापन के लिये तीन मैचों की श्रृंखला। ’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन उन्हें भविष्य दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) खत्म करने और फिर से शुरूआत करने की जरूरत है। इसलिये एकमात्र टेस्ट के लिये खिलाड़ियों ने इसमें खेलने का हक हासिल किया है और यह कोई ऐसी टीम नहीं है जो रातों रात की शानदार बन गयी हो। ’’
 
भारतीय टीम 14 दिन के पृथकवास के बाद ब्रिटेन के लिये रवाना हो रही है जबकि न्यूजीलैंड को पहले ही अहम अभ्यास मिल गया है क्योंकि वह इंग्लैंड के खिलाफ दो मैचों की श्रृंखला खेल रही है।शास्त्री ने कहा कि डब्ल्यूटीसी फाइनल एक बड़ा मुकाबला है।
भारतीय कोच ने कहा, ‘‘देखिये, यह पहली बार है जब आप टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल देखोगे। जब आप इस मैच के महत्व को देखोगे तो मुझे लगता है कि यह बड़ा नहीं बल्कि काफी बड़ा है क्योंकि यह खेल का मुश्किल प्रारूप है। ’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐसा प्रारूप है जो आपकी परीक्षा लेता है। यह तीन दिनों या तीन महीनों में नहीं हुआ, बल्कि यह दो से ज्यादा वर्षों में हुआ है जिसमें टीमें दुनिया भर में एक दूसरे के खिलाफ खेलीं और उन्होंने फाइनल खेलने का हक हासिल किया इसलिये यह काफी अहम मुकाबला है। ’’

क्यों चाहते हैं शास्त्री बेस्ट ऑफ थ्री ?
 
क्रिकेट फैंस जानते हैं कि रवि शास्त्री बेस्ट ऑफ थ्री फॉर्मेट के पक्ष में क्यों है। बेस्ट ऑफ थ्री मतलब आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप को 3 टेस्ट मैचों की एक सीरीज बना देना जो टीम 2 टेस्ट जीत गई वह सीरीज भी जीत गई। 
 
इसके पीछे का कारण टीम का हालिया प्रदर्शन है। पिछले दो सीरीज में टीम इंडिया पहले मैच में गच्चा खा जाती है। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एडिलेड में भारतीय टीम 36 पर ऑल आउट हो गई थी और मैच गंवा बैठी थी । वहीं इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में भारतीय गेंदबाज पहली पारी में इतने बेअसर साबित हुए थे कि मेहमान टीम ने 582 रन खड़े कर दिए थे। 
 
देखा गया है कि एक लंबे ब्रेक के बाद पहले टेस्ट में भारतीय टीम लड़खड़ा जाती है और मैच हार जाती है। इसलिए अगर  विश्व टेस्ट चैंपियनशिप 3 टेस्ट की होगी तो भारतीय टीम को वापसी करने का मौका मिलेगा। 
 
फैंस तो यही चाहेंगे कि इस बार यह फाइनल का एकमात्र टेस्ट में भारतीय टीम कुछ गड़बड़ ना करे। (वेबदुनिया डेस्क/भाषा)

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