बांग्लादेश के खिलाफ श्रृंखला के शुरुआती मैचों में भारत की जीत के प्रमुख सूत्रधारों में से एक अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि वह मैदान पर गेंदबाज की मानसिकता के साथ उतरते है और स्वाभाविक रूप से बल्लेबाजी कर सकते हैं।इस अनुभवी खिलाड़ी ने कहा कि वह खेल के दोनों पहलू पर पकड़ बनाने के साथ उसे साथ लेकर चलने की कोशिश कर रहे हैं।
अश्विन ने अपने घरेलू मैदान पर खेले गये इस मैच की पहली पारी में 113 रन बनाने के अलावा रविंद्र जडेजा (86) के साथ सातवें विकेट के लिए 199 रन की साझेदारी कर भारत को संकट से बाहर निकाला और फिर दूसरी पारी में छह विकेट झटक कर टीम की आसान जीत सुनिश्चित की।
भारत ने बांग्लादेश को जीत के लिए 515 रन का लक्ष्य देने के बाद 234 रन पर ऑल आउट कर 280 रन की बड़ी जीत दर्ज की।अश्विन ने मैच के बाद आधिकारिक प्रसारकों से कहा, मेरी पहचान गेंदबाजी से है ऐसे में मेरे लिए गेंदबाजी पहले है। बल्लेबाजी करना हालांकि मेरे लिए नैसर्गिक है, पिछले कुछ वर्षों में मैंने अपनी बल्लेबाजी के बारे में काफी सोचा है।
A game-changing TON & Wickets!
For his brilliant all-round show on his home ground, R Ashwin bags the Player of the Match award
अपने हरफनमौला खेल से मैन ऑफ द मैच चुने गये अश्विन ने कहा, मैंने इन दोनों पहलुओं में पकड़ बनाने के अलावा इसे एक साथ आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा हूं।
इस 38 साल के खिलाड़ी ने टेस्ट पारी में 37वीं बार पांच विकेट झटककर महान शेन वार्न की बराबरी की।उन्होंने कहा, मैं क्या करना चाहता हूं इसे सोचे बिना मैं जो कर रहा हूं उसे लेकर अपने खेल का लुत्फ उठा रहा हूं।
उन्होने कहा, यह (शतकीय पारी) मेरे लिए संघर्ष करने और देर तक समय बिताने का मौका था। मैंने अतीत में अपनी टीम के साथियों को ऐसी परिस्थितियों से निपटते हुई कई बार देखा है। यह काफी विशेष पारी थी।
यह प्रदर्शन और भी खास था क्योंकि उन्होंने यह प्रदर्शन अपने घरेलू मैदान पर किया।उन्होंने कहा, जब भी मैं चेन्नई में खेलता हूं, यह एक अद्भुत एहसास होता है। मैंने इस मैदान की दर्शक दीर्घा से कई मैच देखे हैं। इस मैदान मे अच्छा करने का अहसास खास होता है।
चेन्नई पर यह संभवत उनका अंतिम टेस्ट साबित हो सकता है क्योंकि इसके बाद चेन्नई 3 साल बाद टेस्ट मैच की मेजबानी करेगा। तब रविचंद्रन अश्विन की उम्र 41 साल की हो जाएगी।