उन्होंने स्पोर्ट्स टुडे से कहा, मैं तैयार था, पैड पहन लिए थे। इंजेक्शन भी ले लिया था। मैं सोच रहा था कि मैं कम से कम 10 से 15 ओवर तक बल्लेबाजी करूंगा और मानसिक रूप से योजना बना रहा था कि पारी कैसे खेलूंगा, कौन से शॉट खेलूंगा क्योंकि फ्रैक्चर से दर्द के कारण मेरे लिए सभी तरह के शॉट खेलना संभव नहीं था।
जडेजा ने कहा, मैं भी हिसाब लगा रहा था कि तेज गेंदबाजों की गेंदों का सामना कैसे करूंगा, वे मुझे गेंद कहां पिच करेंगे। मैं अपनी भूमिका की योजना बना रहा था कि मैं जब 10-15 ओवर बल्लेबाजी करूंगा तो ऐसा करूंगा, लेकिन जडेजा को बल्लेबाजी के लिए उतरने की जरूरत ही नहीं पड़ी क्योंकि रविचंद्रन अश्विन और हनुमा विहारी ने पांचवें दिन 256 गेंद का डटकर सामना किया और यादगार ड्रॉ कराया।
जडेजा ने कहा, यहां तक कि मैंने टीम प्रबंधन से भी बात की थी कि मैं सिर्फ तभी बल्लेबाजी करूंगा, अगर भारत उस दहलीज पर पहुंच जाता है, जहां मैच जीता जा सकता है। पुजारा और ऋषभ पंत अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे, उन्होंने साझेदारी बनाई। हमें यह भी महसूस हुआ कि हम मैच जीत सकते थे। उन्होंने कहा, लेकिन दुर्भाग्य से पंत आउट हो गए और इसके बाद हालात बदल गए। हमें इसके बाद ड्रॉ के खेलना पड़ा।
जडेजा ने कहा, अश्विन और विहारी ने जिस तरह से मैच को बचाने के लिए बल्लेबाजी की, उन्होंने बेहतरीन जज्बा दिखाया। जब टेस्ट क्रिकेट की बात आती है तो हमेशा रन बनाना अहम नहीं होता। ऐसे भी हालात होते हैं जब आपको मैच बचाना होता है। इतने सारे ओवर बल्लेबाजी करके जिस तरह से हमने मैच बचाया, यह टीम का शानदार प्रयास था।(भाषा)