अपना 38वां जन्मदिन मना रहे रोहित शर्मा ने अपने करियर की संध्यावेला में भारत को लगातार 2 आईसीसी ट्रॉफी जितवाई जहां 10 सालों में भारत के पास 1 भी खिताब नसीब नहीं था। टी-20 विश्वकप की खिताबी जीत के बाद रोहित शर्मा ने सबसे छोटे प्रारुप में 4000 रन बनाने के बाद अपना बल्ला टांग दिया था। अब इस बात पर नजर है कि वह वनडे और टेस्ट में इसका ऐलान कब करते हैं।
यह सफेद गेंद की क्रिकेट में रोहित की कप्तानी का ही कमाल है कि भारत पिछले 2 आईसीसी टूर्नामेंट में सिर्फ एक मैच हारा है। बस वो हार एकदिवसीय विशवकप के फाइनल में आई। कुल 23 वनडे और टी-20 में से भारत यह एकमात्र मैच हारा।
हालांकि इस बीच रोहित शर्मा के सिर पर न्यूजीलैंड के खिलाफ 0-3 की हार और फिर ऑस्ट्रेलिया से 1-3 की हार के बाद विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में पहली बार फाइनल में जगह ना बना पाने का कलंक भी लगा। लेकिन चैंपियन्स ट्रॉफी जीतकर उन्होंने यह साबित कर दिया कि सफेद गेंद में वह लाल गेंद की तरह कमजोर नहीं है।
फरवरी मार्च महीने में भारत के कप्तान रोहित शर्मा की अगुवआई में टीम इंडिया तीसरी बार आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफी जीतकर इस टूर्नामेंट की सबसे सफल टीम बन गया। यह ट्रॉफी भारत ने बिना एक टॉस जीतकर और बिना एक मैच हारकर जीती।
भारत ने ग्रुप स्टेज में बांग्लादेश को 4 विकेटों से पाकिस्तान को 6 विकेटों से और न्यूजीलैंड को 50 रनों से हराया था। सेमीफाइनल में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 4 विकेटों से और फिर फाइनल में न्यूजीलैंड को 4 विकेटों से हराया था।
चैंपियंस ट्रॉफी की जीत ने रोहित शर्मा की चमक बढ़ा दी है और अगर वह टेस्ट कप्तान बरकरार रहें और इंग्लैंड दौरे पर टीम के कप्तान के तौर पर जाएं तो यह हैरानी की बात नहीं होगी।क्योंकि भारतीय क्रिकेट बोर्ड और उनके चयनकर्ता कभी भी फॉर्म को नहीं नाम को तरजीह देते हैं। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड बाबर आजम को ढो रहा था लेकिन समय आने पर उसे निकाल भी दिया। ऐसा कड़ा निर्णय लेना यहां कम ही दिखता है।
रोहित पर दुबई में अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव था, दुबई में खिताब ने निश्चित रूप से कप्तान को राहत दी है। लेकिन सवाल यह है कि क्या राष्ट्रीय चयन समिति चुनौतीपूर्ण टेस्ट प्रारूप पर फैसला लेते समय वनडे प्रारूप में सफलता पर विचार करेगी।
अगर रोहित शर्मा को महेंद्र सिंह धोनी से बराबरी करनी है तो उन्हें वनडे विश्वकप जीतना होगा जो कि साल 2027 में दक्षिण अफ्रीका में खेला जाना है। लेकिन क्या तब तक रोहित शर्मा में ईंधन बचेगा, क्योंकि वह तब तक 40 वर्ष के हो जाएंगे। ऐसा तो नहीं होगा कि रोहित के सपने के लिए टीम इंडिया अपना एक अभियान खराब कर दे?