ऋषभ पंत ने तोड़ा धोनी का यह रिकॉर्ड, विकेट के पीछे पूरे किए सबसे तेज 100 टेस्ट शिकार

मंगलवार, 28 दिसंबर 2021 (20:28 IST)
साल 2021 में अगर कोई क्रिकेटर उभर कर आया है तो वह है ऋषभ पंत। जनवरी 2021 में उन्होंने दो अहम पारियां खेलकर भारत को बोर्डर गावस्कर ट्रॉफी जिताई थी और इसके बाद ऋषभ पंत का कद भारतीय क्रिकेट में अलग स्तर पर पहुंच गया।

अब साल 2021 के अंत में ऋषभ पंत ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले जा रहे बॉक्सिंग डे टेस्ट के दौरान महेंद्र सिंह धोनी का एक रिकॉर्ड तोड़ दिया है। शमी की गेंद पर अर्धशतक लगा चुके तेम्बा बावुमा का कैच जैसे ही पंत ने पकड़ा उनके नाम किसी भी भारतीय विकेटकीपर द्वारा सबसे तेज 100 शिकार लेने का रिकॉर्ड बन गया।

धोनी ने 36 टेस्ट मैचों में विकेट के पीछे 100 कैच लिए थे। लेकिन पंत ने अपने 26वें टेस्ट में ही यह कारनामा कर लिया।

पहले से ही यह अंदेशा था कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरु होने वाले बॉक्सिंग डे टेस्ट में वह धोनी के पार आसानी से जा सकते हैं। एक टेस्ट मैच में यह कारनामा ऋषभ पंत आसानी से कर सकते थे और विकेट के पीछे सबसे तेज 100 शिकार करने वाले भारतीय विकेटकीपर बन सकते थे जो आज उन्होंने किया।

टेस्ट क्रिकेट में वैसे भी विकेटकीपर के पास कैच पहुंचने की ज्यादा संभावना रहती है और दक्षिण अफ्रीका जैसी उछाल भरी पिचों पर तो यह संभावना और ज्यादा हो जाती है। आज जैसे ही भारतीय टीम को गेंदबाजी करने का मौका मिला पंत के हाथों में यह रिकॉर्ड समा गया।

धोनी के बाद विकेट के पीछे सबसे तेज 100 शिकार करने वाले विकेटकीपर हैं ऋद्दीमान साहा जिन्होंने 37 टेस्ट मैचों में 100 कैच या स्टंपिंग की थी। उनके बाद किरण मोरे, नयन मोंगिया और सैयद किरमानी का नंबर आता है।

बोर्डर गावस्कर सीरीज से पलट गई पंत की किस्मत

खराब फॉर्म से जूझ रहे ऋषभ पंत के लिए टीम इंडिया तक दूर दूर तक जगह नहीं थी लेकिन नवंबर 2020 में ऑस्ट्रेलिया की धरती पर अभ्यास 4 दिनी मैच के दौरान उन्होंने तेज शतक बनाया लेकिन उन्हें फिर भी नजर अंदाज किया गया।

लेकिन जनवरी 2021 उनके लिए खुशखबरी लेकर आया। इस महीने उन्होंने टीम में अपनी छवि बदल दी। वह भी चोटिल होने के बावजूद उन्होंने यह कारनामा दिखाया। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तीसरे  टेस्ट के दौरान ऋषभ पंत को बल्लेबाजी के दौरान बायीं कोहनी में चोट लगी। उन्हें स्कैन के लिए ले जाया गया है। आईसीसी नियमों के तहत रिजर्व विकेटकीपर रिधिमान साहा ने उनकी जगह ली।

पंत को पैट कमिंस की शॉर्ट गेंद पर पूल शॉट खेलते समय चोट लगी। वह पट्टी बांधकर दोबारा मैदान पर लौटे लेकिन उस तेजी से रन नहीं बना सके। जोश हेजलवुड की गेंद पर वह विकेट के पीछे कैच देकर लौटे।

लेकिन अगली पारी में उन्होंने दिखा दिया कि वह टीम इंडिया का भविष्य हैं। हालांकि पंत अपना शतक मात्र 3 रन से चूक गए। उन्होंने 118 गेंद में 97 रन बनाए जिसमें 12 चौके और 3 छक्के शामिल रहे। यह मैच पंत के कारण भारत ड्रॉ करा पाया।

इसके बाद चौथे टेस्ट में उन्होंने इससे बड़ा कारनामा करके दिखाया। 300 से अधिक के लक्ष्य का पीछा कर रही टीम इंडिया अंतिम दिन पंत की धुंआधार पारी के कारण ही बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी जीत सकी। उन्होंने 118 गेंदो में 89 रन बनाए जिसमें 9 चौके और 1 छक्का शामिल था। विजयी चौका पंत ने ही लगाया।

पंत अपने इस प्रदर्शन के कारण आईसीसी प्लेयर ऑफ द मंथ का पुरुस्कार जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गए थे। यही नहीं एक विकेटकीपर के तौर पर उन्होंने सबसे अच्छी टेस्ट रैंकिंग हासिल की।

IPL 2021 में बने दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान

भारत इंग्लैंड सीरीज के दौरान कंधे में चोट के कारण श्रेयस अय्यर आईपीएल 2021 के पहले भाग में दिल्ली कैपिटल्स की टीम के साथ नहीं जुड़ पाए थे इस कारण ऋषभ पंत को दिल्ली कैपिटल्स का कप्तान बनाया गया था।

पंत ने पहले भाग में जबरदस्त कप्तानी के कारण अंक तालिका में टीम सबसे ऊपर पहुंच गयी थी। इस कारण मैनेजमेंट ने पंत को ही कप्तान बनाए रखना उचित समझा।पंत प्लेऑफ में पहुंची लेकिन पिछले सीजन की तरह फाइनल में नहीं पुहंच सकी।

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