...तो यह है अश्विन की सफलता का राज

मंगलवार, 11 अक्टूबर 2016 (23:38 IST)
इंदौर। भारत की तरफ से रिकॉर्ड सातवीं बार मैन ऑफ द सीरीज बनने वाले रविचंद्रन अश्विन ने न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला में अपने साथी गेंदबाजों के प्रदर्शन की तारीफ करते हुए आज यहां कहा कि इस तरह के विकेटों पर कड़ी मेहनत और संयम बनाए रखने से उन्हें सफलता मिली।
भारत ने तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच में न्यूजीलैंड को 321 रन से हराकर श्रृंखला में 3-0 से क्लीन स्वीप किया। अश्विन ने मैच में 140 रन देकर 13 विकेट लिए। उन्होंने श्रृंखला में 27 विकेट हासिल किए। 
 
अश्विन ने कहा कि यह ऐसा विकेट था जिस पर (विकेट हासिल करने के लिए) आपको कड़ी मेहनत करने और संयम बनाये रखने की जरूरत थी। पांवों से बने निशान की बात की जाए तो आफ स्टंप के बाहर इससे बहुत कम मदद मिल रही थी। 
 
दूसरी पारी में उन्होंने जरूर अच्छे शॉट नहीं खेले जिससे हमें मदद मिली। उन्होंने कहा कि पिच से पर्याप्त उछाल नहीं मिल रही थी जिससे कि शॉर्ट लेग पर कैच जाए। वे (विराट कोहली) चाहता था कि वे ड्राइव करने की कोशिश करें। 
 
भारत ने अश्विन के पदार्पण के बाद जो आठ टेस्ट श्रृंखलाएं जीती उनमें से सात में यह ऑफ स्पिनर मैन ऑफ द सीरीज बना। उन्होंने कीवी टीम के खिलाफ जीत के लिए अपने साथी गेंदबाजों को भी श्रेय दिया जिन्होंने श्रृंखला में न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों को किसी भी समय टिककर नहीं खेलने दिया। 
 
उन्होंने कहा कि विराट ने मुझसे कहा कि वे गेंदबाजों को रोटेट करना चाहता है और इससे मदद मिली। जडेजा ने मार्टिन गुप्टिल का विकेट लिया। मैं वास्तव में बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं और मैं आत्मविश्वास से भरा हूं। अश्विन ने इंदौर के दर्शकों का भी विशेष आभार व्यक्त किया जो आखिरी दिन बड़ी संख्या में यहां पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि मैं सबसे पहले इंदौर के दर्शकों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं जो इतनी बड़ी संख्या में यहां पहुंचे। इससे ऐसा लग रहा था कि जैसे यह नब्बे के दशक का टेस्ट मैच हो।  (भाषा)

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