Sydney Cricket Ground Pitch : महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर के अनुसार सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (SCG) की पिच टेस्ट मैच के लिए आदर्श नहीं थी लेकिन भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने विकेट की प्रशंसा करते हुए इसे गेंदबाजी की मददगार और परिणाम देने वाली बताया जिसमें सभी के लिए कुछ ना कुछ था।
मैच के शुरुआती दो दिन में 26 विकेट गिरे जबकि तीसरे दिन चार भारतीय और तीन ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज आउट किए। गेंदबाजों ने अधिकांश समय मैच पर अपना दबदबा बनाए रखा।
गंभीर ने भारत की पांचवें टेस्ट में हार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, यह कुछ बेहतरीन विकेट थे। यह टेस्ट क्रिकेट के लिए भी अच्छा है। गेंदबाजों के लिए पर्याप्त था और बल्लेबाजों के लिए भी पर्याप्त था। लेकिन यही वह चीज है जो टेस्ट क्रिकेट को जीवित रखेगी।
उन्होंने कहा, और यह सिडनी का सामान्य विकेट नहीं था, जैसा कि हम आम तौर पर देखते हैं या जिसे हमने पहले भी देखा है। लेकिन फिर टेस्ट क्रिकेट को ऐसे ही खेला जाना चाहिए। परिणाम देने वाला विकेट। मुझे पता है कि जब हम स्वदेश में खेलते हैं तो टर्निंग विकेट के बारे में बहुत बात होती है लेकिन यह शायद उतना ही मददगार था जितना कि हमें स्वेदश में मिलता है।
हालांकि गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने शनिवार को अंतिम सत्र के दौरान एससीजी के विकेट की आलोचना की थी।
गावस्कर ने एबीसी स्पोर्ट पर कहा, जब मैंने पिच देखी तो मैंने कहा कि गाएं इस पर चर सकती थीं। यह आदर्श टेस्ट मैच पिच नहीं है क्योंकि आप चाहते हैं कि मैच चौथे या पांचवें दिन तक चले। जब तक बारिश नहीं हो, मुझे नहीं लगता कि हम चौथे दिन यहां होंगे।
गावस्कर ने कहा कि अगर भारत में भी ऐसा ही विकेट उपलब्ध कराया जाता तो ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के क्रिकेटर उसकी आलोचना करते।
उन्होंने कहा, सभी उसे निशाना बनाते। इस बारे में तरह-तरह की टिप्पणियां की जातीं कि क्या यह अच्छी पिच है?
Sunil Gavaskar talks about the SCG pitch and how teams from Australia or England would have cribbed and moaned about Indian pitches.. pic.twitter.com/HjelAYyq9y
गावस्कर ने कहा, इस पिच पर पहले खेल चुके पूर्व खिलाड़ी भी हैरान थे। ग्लेन मैकग्रा ने कहा कि उन्होंने पिच पर इतनी घास पहले कभी नहीं देखी। मुद्दा यह है कि जब आप विदेश जाते हैं। तो आपको इस तरह की सतह पर खेलने के लिए तैयार रहना होता है।
इस 75 वर्षीय पूर्व बल्लेबाज ने कठिन भारतीय पिचों के बारे में शिकायत करने के लिए पूर्व खिलाड़ियों की भी आलोचना की।
गावस्कर ने कहा, पिछले कुछ वर्षों में क्या आपने कभी किसी पूर्व भारतीय क्रिकेटर को परिस्थितियों के बारे में शिकायत करते सुना है? वे स्वीकार करते हैं कि विदेश में खेलने का मतलब यही है।
उन्होंने कहा, हम शिकायत करने वाले नहीं हैं, हम शिकायत नहीं करते। जब हम (विदेश में) जाते हैं और क्रिकेट खेलते हैं तो हम कड़ी मेहनत करते हैं और अगर हम हार जाते हैं तो हम हार जाते हैं। हम समझते हैं कि विदेशों में घरेलू टीम को हराना बहुत मुश्किल है। आप हमें कभी शिकायत करते नहीं पाएंगे। लेकिन भारत में एक दिन में 15 विकेट गिरना नरक जैसा होगा। (भाषा)