नई दिल्ली:भारतीय महिला टीम की युवा सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा ने कहा है कि उनका लक्ष्य हर श्रृंखला से सबक लेना और क्रिकेटर के रूप में सुधार करना रहा है। उनके मुताबिक इस वर्ष सैयद मुश्ताक अली टी-20 ट्रॉफी के मद्देनजर आयोजित हुए हरियाणा पुरुष टीम के शिविर में ट्रेनिंग करना उनके लाभदायक साबित हुआ है। इससे उनके बैक-फुट पर खेलने में सुधार हुआ है।
दरअसल टी-20 विश्व कप के बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहली टी-20 सीरीज में शैफाली बाउंसर के खिलाफ पहले की तुलना में कहीं अधिक सहज दिखीं थी। इस पर उन्होंने कहा, “ यह मेरे द्वारा किए गए काम पर निर्भर था। इस सीरीज से पहले मैंने एक योजना के अनुसार 150 बाउंसर गेंदें खेलीं और एक ही चीज का बार-बार अभ्यास किया। मुझे लगता है कि मैंने दक्षिण अफ्रीका श्रृंखला में बेहतर प्रदर्शन किया है। अगर आप किसी चीज में बेहतर होने की कोशिश करते हैं और सिर्फ एक बार कोशिश करने के बाद आत्मसंतुष्ट हो जाते हैं तो यह कभी काम नहीं करता है। ”
वर्तमान में टी-20 की नंबर एक बल्लेबाज ने कहा, “ टी-20 विश्व कप के बाद मैंने अपने कौशल, फिटनेस और शॉट चयन पर काम किया था। मैंने अपने क्षेत्ररक्षण में कुछ सुधार महसूस किया है, क्योंकि मैंने पिछले साल लॉकडाउन के दौरान कसरत करने और अपने शरीर को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया था। ”
शैफाली ने कहा, “ इस वर्ष सैयद मुश्ताक अली टी-20 ट्रॉफी के मद्देनजर आयोजित हुए हरियाणा पुरुष टीम के शिविर से मुझे काफी फायदा हुआ। पहले मेरा बैक-फुट खेल कमजोर था, लेकिन रणजी गेंदबाजों को खेलने के बाद मुझे तकनीक में मदद मिली और मेरा भरोसा भी बढ़ा।
मैंने हर्षल पटेल से चर्चा की थी, जो हाल ही में आईपीएल में खेले थे। मोहित शर्मा और राहुल तेवतिया से बाउंसर से पार पाने के तरीके सीखे। उन्होंने अपने इनपुट मुझसे साझा किए। मैं हरियाणा क्रिकेट संघ में सभी का आभार व्यक्त करती हूं जिन्होंने मुझे यह अवसर दिया। ”