श्रीसंत का कहना है कि अब तक वह 4 साल से प्रतिबंध का सामना कर रहा है। हालांकि 2013 के सनसनीखेज स्पॉट फिक्सिंग मामले में 2015 में उसे दिल्ली की एक अदालत बरी कर चुकी है। श्रीसंत ने कहा कि जब 2000 के मैच फिक्सिंग प्रकरण में संलिप्तता में आजीवन प्रतिबंध का सामना कर रहे क्रिकेटर से राजनीतिक बने मोहम्मद अजहरुद्दीन के मामले में इसे बदला जा सकता है तो फिर उसके ऊपर लगा प्रतिबंध क्यों नहीं निरस्त किया जा सकता?
न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने इस तथ्य पर गौर किया कि निचली अदालत के 2015 के फैसले के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबित अपील जनवरी के दूसरे सप्ताह में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। पीठ ने श्रीसंत की याचिका पर सुनवाई स्थगित करते हुए कहा कि हम इस मामले में जनवरी के तीसरे सप्ताह में सुनवाई करेंगे।
श्रीसंत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने कहा कि यह खिलाड़ी अब 35 साल का हो गया है और यदि यह प्रतिबंध खत्म नहीं किया गया तो वह ब्रिटेन में क्लब क्रिकेट भी नहीं खेल सकेगा। उन्होंने कहा कि 35 साल की आयु में खिलाड़ी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की संभावना लगभग खत्म हो जाती है और कम से कम उसे क्लब क्रिकेट खेलने की अनुमति दी जानी चाहिए।