सीओए सर्वोच्च अदालत के निर्देशों पर ही बीसीसीआई का संचालन कर रहा है और उसने शीर्ष अदालत में दायर अपनी 10वीं स्थिति रिपोर्ट में यह बात कही। सीओए ने रिपोर्ट में लिखा, बीसीसीआई के नए संविधान के तहत सालाना आम बैठक में लोकपाल की नियुक्ति की जाने की जरूरत है ताकि किसी भी तरह के विवादों पर स्वतंत्र जांच कराई जा सके। इसके लिए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश या किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश को कम से कम एक वर्ष या अधिकतम तीन वर्ष के लिए नियुक्त किया जाना चाहिए।
रिपोर्ट के अनुसार सीओए ने लिखा, हमारा माना है कि विवाद निस्तारण की स्वतंत्र प्रणाली स्थापित करने के लिए बीसीसीआई का पहला लोकपाल जल्द से जल्द नियुक्त होना चाहिए। गौरतलब है कि लोकपाल का काम बीसीसीआई के सदस्यों की शिकायतों और आंतरिक विवादों पर सुनवाई करना होगा। इसके अलावा उसके अधीन आईपीएल और नियम उल्लंघन से जुड़े विवाद भी होंगे।
सर्वोच्च अदालत ने अपने पिछले आदेश में सभी राज्य संघों से नए संविधान को लागू करने के निर्देश दिए थे। लेकिन सीओए ने रिपोर्ट में जानकारी दी है कि हरियाणा, हिमाचल, गुजरात, कर्नाटक, मेघालय, नागालैंड और अरूणाचल क्रिकेट संघों ने अब तक सीओए को अपनी अनुपालन रिपोर्ट नहीं दी है।
तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, झारखंड, गोवा, महाराष्ट्र, बिहार, बंगाल, छत्तीसगढ़, मणिपुर और विदर्भ ने पूरी तरह से संविधान लागू नहीं किया है। हालांकि हैदराबाद, जम्मू एवं कश्मीर, केरल, मुंबई, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सौराष्ट्र, सिक्किम, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश ने नियमानुसार संविधान लागू कर लिया है।