Birthday Special: स्पिन से शुरुआत करने वाले स्टीव स्मिथ की जिंदगी के इन पहलुओं को जानना है जरूरी
बुधवार, 2 जून 2021 (15:33 IST)
बुरा दौर तो हर किसी की जिंदगी में आता है लेकिन जो उन मुश्किलों को पार पाता है, वो स्टीव स्मिथ कहलाता है। आज यदि हम स्टीव स्मिथ के करियर की बात करते हैं, तो सबसे पहले जहन में उनकी बॉल टेम्परिंग विवाद की छवि आती है। गलती की थी और वह उसका खामियाजा भी भुगत चुके हैं। मगर एक गलती के चलते खिलाड़ी की प्रतिभा को नहीं नाकारा जा सकता।
इस बात में भी कोई शक नहीं है कि मौजूदा समय में स्मिथ के जैसा प्रतिभाशाली दूसरा नहीं है।फॉर्मेट चाहें कोई भी हो स्मिथ के मैदान पर आने के बाद अच्छे से अच्छे गेंदबाज के उन्हें आउट करने में पसीने छूट जाते हैं। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान को आउट करना किसी भी टीम के लिए बड़ी चुनौती से कम नहीं होती।
आज मॉर्डन ऐरा के स्टाइलिश बल्लेबाज स्टीव स्मिथअपना 32वां जन्मदिवस मना रहे हैं। बहुत ही कम लोग शायद ये बात जानते होंगे लेकिन स्मिथ ने अपने करियर का आगाज एक लेग स्पिन गेंदबाज के रूप में किया था। हालांकि लेग स्पिनर के रूप में उनको अधिक सफलता नहीं मिल सकी लेकिन फिर एक बार जो बल्ला हाथ में पकड़ा, तो फिर उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
32 वर्षीय स्टीव स्मिथ ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना पहला मुकाबला साल 2010 में पाकिस्तान के खिलाफ मेलबर्न के मैदान पर खेला था। यह एक टी-20 मैच था। फिर उसी वर्ष उनको पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट और वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे डेब्यू का भी मौका मिला।करियर के शुरूआती दौर में स्मिथ लगातार टीम से अंदर बाहर होते रहे लेकिन साल 2013 के बाद से उन्होंने अपनी एक पहचान बनानी शुरू की। खासतौर से टेस्ट क्रिकेट में।
2014 में उन्होंने सिर्फ 9 टेस्ट मैचों में 81.86 की शानदार औसत के साथ 1146 रन बना डालें। साल 2015 में उनका बल्ला खूब बोला और उस साल 13 टेस्ट मैचों में1474, साल 2016 में 11 टेस्ट के दौरान 1079 और साल 2017 में भी 11 मुकाबलों में स्मिथ द्वारा 1305 रन देखने को मिलें।
स्टीव स्मिथ केवल लाल गेंद के साथ ही विपक्षी टीमों पर हावी नहीं रहे, बल्कि सफेद गेंद के साथ भी कंगारू टीम के विजय रथ को आगे बढ़ा रहे थे। साल 2015 में ऑस्ट्रेलिया को वनडे वर्ल्ड कप जिताने में भी उनका एक बड़ा योगदान रहा। 2014 में उनको टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया तो 2015 में एकदिवसीय टीम की कमान सौंपी गई।
साल 2018 उनके करियर सबसे बुरा दौर रहा, एक ऐसा दौर जिसका शायद ही कोई क्रिकेट प्रेमी कभी बुला सके। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुई बॉल टेंपरिंग ने पूरे क्रिकेट जगत को हिलाकर रख दिया। स्मिथ की न केवल कप्तानी गई बल्कि उनपर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने एक साल का कड़ा प्रतिबंध भी लगा दिया।
लेकिन कहते हैं मुश्किलों को चीर कर आगे बढ़ने वाला ही असली खिलाड़ी होता हैं। स्टीव स्मिथ ने साल 2019 के वनडे विश्व कप से फिर से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा और फिर से अपनी वहीं धाक जमानी शूरु कर दी। विश्व कप के 10 मुकाबलों में उनके बल्ले से 37।90 की औसत के साथ 379 रन देखने को मिले। लेकिन पिच्चर अभी बाकि थी।
2019 के एशेज सीरीज में पूरी दुनिया ने स्मिथ का एक अलग ही रूप देखा। उन्होंने इंग्लैंड के गेंदबाजों की उन्हीं की सरजमीं पर जमकर धुलाई की और सात पारियों में 64।72 की औसत के साथ 774 रन बना डालें। साथ ही आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में विराट कोहली से अपनी नंबर-1 की बादशाहत वापस छीन ली।
2015 @CricketWorldCup winner
ICC Men's Test Cricketer of the Decade
A Test average of 61.80