'यहां तक ऐसे ही नहीं पहुंचा', विराट कोहली ने आलोचकों को चुन चुन कर दिए जवाब

गुरुवार, 25 अगस्त 2022 (12:23 IST)
नई दिल्ली: विराट कोहली अपने करियर में कभी इतने लंबे समय तक खराब फॉर्म से नहीं रहे लेकिन उनका मानना है कि अगर उनके पास प्रतिकूल परिस्थितियों से जूझने की क्षमता नहीं होती तो वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इतना लंबा सफर तय नहीं कर पाते।

इस पूर्व भारतीय कप्तान ने लगभग तीन वर्षों से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कोई शतक नहीं लगाया है लेकिन उन्हें लगता है कि सुधार की बहुत अधिक गुंजाइश नहीं है।

इसका कारण यह है कि उनमें 2014 के इंग्लैंड दौरे की तरह कोई तकनीकी खामी नहीं दिख रही है जबकि वह ऑफ स्टंप से बाहर की गेंदों पर कैच दे रहे थे।

कोहली ने स्टार स्पोर्ट्स के कार्यक्रम गेम प्लान में कहा,‘‘ मैं जानता हूं कि मेरा खेल किस स्तर पर है और आप विपरीत परिस्थितियों का मुकाबला और विभिन्न तरह की गेंदबाजी का सामना करने की क्षमता के बिना अंतरराष्ट्रीय करियर इतना लंबा नहीं खींच सकते। इसलिए यह मेरे लिए प्रक्रिया का आसान चरण है लेकिन मैं इसका स्वयं पर दबाव नहीं बनाना चाहता हूं।’’

इसके बाद उन्होंने 2014 के इंग्लैंड दौरे में आउट होने के तरीकों पर बात की और तकनीकी खामियों में सुधार के बाद 2018 के दौरे में लगभग 600 रन बनाए।

कोहली ने कहा, ‘‘ इंग्लैंड में मैं एक तरह से ही आउट हो रहा था। वह ऐसा था जिस पर मैं काम कर सकता था और जिससे मुझे बाहर निकलना था। अभी ऐसी कोई बात नहीं है जिसे आप कह सको कि समस्या यहां हो रही है।’’

कोहली हाल में हर तरीके से आउट हुए। उन्होंने उठती गेंदों, फुल लेंथ गेंदों, स्विंग गेंदों, कटर, ऑफ स्पिन, लेग स्पिन और बाएं हाथ से की गई स्पिन गेंदों पर अपने विकेट गंवाए।

कोहली को लगता है कि अगर आपका आउट होने का तरीका एक जैसा नहीं है तो अच्छी बात होती है।उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए यह असल में मेरे लिए आसान चीज है क्योंकि मैं जानता हूं कि मैं अच्छी बल्लेबाजी कर रहा हूं। जब मैं उस लय को वापस महसूस करना शुरू करता हूं, तो मुझे पता है कि मैं अच्छी बल्लेबाजी कर रहा हूं।’’

उन्होंने कहा,‘‘ इसलिए यहां मेरे लिए कोई मसला नहीं है। यह इंग्लैंड के 2014 के दौरे की तरह की स्थिति नहीं है जब मुझे लग रहा था कि मैं अच्छी बल्लेबाजी नहीं कर रहा हूं। इसलिए मैंने एक चीज पर कड़ी मेहनत की जो मेरी कमजोरी थी और मैं उससे बाहर निकलने में सफल रहा था। अब ऐसा कोई मुद्दा नहीं है।’’

कोहली अब एशिया कप के लिए तैयार हैं और वे जानते हैं कि उन्हें इन उतार-चढ़ाव से भी मुकाबला करना होगा जो कि एक खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा होते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि उतार-चढ़ाव आते हैं, और जब मैं इस चरण से बाहर आता हूं, तो मुझे पता होता है कि मैं अपने खेल में कितनी निरंतरता रख सकता हूं। मेरे अनुभव मेरे लिए अमूल्य हैं।’’(भाषा)

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