फैट के डर से कोहली ने बंद किया चिकन खाना, वैज्ञानिक ने दी कड़कनाथ खाने की सलाह...

गुरुवार, 3 जनवरी 2019 (15:55 IST)
भोपाल। कप्तान विराट कोहली सहित भारतीय क्रिकेट टीम को कृषि विज्ञान केंद्र झाबुआ (कड़कनाथ रिसर्च सेंटर) के एक वैज्ञानिक ने कड़कनाथ मुर्गे का मांस खाने की सलाह दी है, क्योंकि इसमें वसा एवं कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत कम और प्रोटीन एवं आयरन की मात्रा भरपूर होती है। 
 
 
कृषि विज्ञान केंद्र झाबुआ के प्रमुख एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आई एस तोमर ने इस संबंध में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) एवं विराट कोहली को बुधवार को एक पत्र भी लिखा है। तोमर ने मीडिया में आई इन खबरों के बाद यह पत्र लिखा है कि वसा और कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होने के डर से कोहली एवं उसकी टीम के अन्य खिलाड़ियों ने ग्रिल्ड चिकन खाना छोड़ दिया है।
 
तोमर ने अपने पत्र में लिखा है कि वसा और कोलेस्ट्रॉल के कारण यदि विराट कोहली और टीम इंडिया के खिलाड़ी ग्रिल्ड चिकन खाना छोड़कर शाकाहारी डाइट ले रहे हैं तो वे बिना डरे झाबुआ का कड़कनाथ चिकन खा सकते हैं। इसमें बहुत ही कम वसा और कोलेस्ट्रॉल होता है। 
इसमें आयरन और प्रोटीन की मात्रा अन्य मुर्गों की तुलना में अधिक होती है। तोमर ने पत्र में हैदराबाद के नेशनल मीट रिसर्च संस्थान की रिपोर्ट की प्रति भी संलग्न की है, जो आम चिकन और कड़कनाथ चिकन में मौजूद वसा-प्रोटीन-कोलेस्ट्रॉल-आयरन आदि के अंतर को दर्शाती है।
 
पत्र में तोमर ने यह भी लिखा है कि भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्यों की जरूरत पूरी करने के लिए झाबुआ का कड़कनाथ चिकन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जा सकता है।
 
मालूम हो कि कड़कनाथ मुर्गों के लिए मध्य प्रदेश को जीआई टैग (भौगोलिक संकेतक) करीब 6 महीने ही मिला है और प्रदेश में कड़कनाथ मुर्गे सबसे ज्यादा झाबुआ में ही पाए जाते हैं। (भाषा)
 

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