लक्ष्मण ने गुरुवार को स्टार स्पोर्ट्स के कार्यक्रम गेम प्लान में भारतीय क्रिकेट में राहुल द्रविड़ के योगदान के बारे में कहा, “ मुझे नहीं लगता कि यहां कोई दबाव है। राहुल द्रविड़ के पास खुद को कोच के तौर पर साबित करने का यह एक मौका है। हम सभी एक खिलाड़ी के रूप में या किसी अन्य भूमिका में भारतीय क्रिकेट के प्रति उनके योगदान को जानते हैं। उन्होंने भारत ए क्रिकेट टीम के कोच और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के निदेशक के रूप में भारतीय टीम की बेंच स्ट्रेंथ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुझे लगता है कि श्रीलंका दौरे पर राहुल द्रविड़ के पास भारतीय क्रिकेट के लिए भविष्य के चैंपियन बनाने का मौका है। ”
पूर्व बल्लेबाज ने कहा, “ यह जरूरी नहीं है कि इस दौरे पर सभी को खेलने का मौका मिले, लेकिन सिर्फ राहुल के साथ समय बिताना और अपने अनुभव साझा करना, जो उन्होंने पहले ही टीम में इन खिलाड़ियों के साथ किया है, भारतीय क्रिकेटरों के रूप में उनका भविष्य बनाएगा और उनका विकास करेगा। ”
गौरतलब है कि साल 2001 में भारत और ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट सीरीज को ऐतिहासिक इन दोनों बल्लेबाजों की साझेदारी ने ही बनाया था। फॉलोऑन खेलते हुए भारत एक समय 254 पर चार विकेट गंवा चुका था लेकिन राहुल और लक्ष्मण ने ऐसी बल्लेबाजी की कि कंगारू पूरे दिन विकेट के लिए तरसते रह गए और स्कोर 589 पर 4 हो गया। इस376 रनों की साझेदारी ने भारतीय टीम में ऐसा जोश भरा कि 0-1 से पिछड़ने के बाद भी यह सीरीज भारत ने 2-1 से जीत ली।
पूर्व भारतीय ऑल राउंडर इरफान पठान ने गेम प्लान कार्यक्रम में राहुल द्रविड़ की प्रशंसा करते हुए 2007 विश्व कप के किस्से साझा किए। उन्होंने कहा, “ सारी बात सहज होने पर है। आप एक कोच या कप्तान के साथ काफी बेहतर प्रदर्शन करते हैं, जिसके साथ आप खेलने में सहज होते हैं। राहुल भाई जो लाते हैं वह है, स्पष्ट संचार। यहां तक कि जब वह भारतीय क्रिकेट टीम के लीडर थे, तब अगर किसी को कोई समस्या होती थी तो वे बस उनके पास जाते थे और इस बारे में खुलकर बात करते थे। मुझे एक किस्सा याद है, जब हम 2007 वनडे विश्व कप हार गए थे। हम वेस्ट इंडीज में थे, तब राहुल मेरे और महेंद्र सिंह धोनी के पास आए और कहा, देखो, मुझे पता है कि हम सभी परेशान हैं, चलो एक फिल्म देखने चलते हैं। हम फिल्म देखने गए और फिर हमारे पास उनसे बातें करने के लिए आधा घंटा था। ”
इरफान ने कहा, “ राहुल ने हमें कहा, बेशक हम वो विश्व कप हार गए। हम कुछ अलग करना चाहते थे, लेकिन यह इसका अंत नहीं है। जीवन बहुत बड़ा है, हम कल वापस आएंगे। राहुल बहुत अच्छे इंसान हैं। वह हमेशा किसी भी क्रिकेटर को सकारात्मक सोच में रखना चाहते हैं। अगर दुर्भाग्यवश श्रीलंका दौरे पर कोई भी आउट ऑफ फॉर्म रहता है तो वह उस खिलाड़ी का मार्गदर्शन करने और आत्मविश्वास देने वाले पहले व्यक्ति होंगे। ”(वार्ता)