दिसंबर 1988 में अजहर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 62 गेंद में 100 रन बनाए थे जो उस समय 50 ओवर के क्रिकेट में सबसे तेज सैकड़ा था। हालांकि इस मैच के फुटेज उपलब्ध नहीं है, लेकिन मैच का दूरदर्शन पर सीधा प्रसारण किया गया था। जब भारत ने लक्ष्य का पीछा करना शुरू किया तो ट्रांसमिशन लिंक चला गया और दर्शक टीवी पर अजहर की इस बेहतरीन पारी को देखने से महरूम हो गए।
अजहर ने इस पारी को याद करते हुए कहा, ‘यह मोती बाग पैलेस मैदान था। खुला मैदान और दर्शकों के लिए अच्छे इंतजाम। मुझे लगता है कि मैंने उस पारी में तीन या चार छक्के (तीन) लगाए थे जिसमें से दो मैदान के बाहर गिरे थे और एक पेड़ पर लगा था। उस दिन ऐसा लग रहा था कि मैं कुछ भी गलत नहीं कर सकता और मुझे लगा ही नहीं कि मैंने 60 के करीब गेंद में शतक पूरा कर लिया था।’
अजहर ने कहा, ‘279 रन के लक्ष्य का पीछा करना ऐसा था जैसे आज 340 रन का पीछा करने में होता है। अच्छी बात थी कि मैंने उस मैच में छठे नंबर पर बल्लेबाजी की थी। मुझे अभी याद नहीं कि मैं दिलीप भाई (वेंगसरकर) के या फिर संजय के आउट होने के बाद आया था। लेकिन अजय शर्मा ने मेरा अच्छा साथ निभाया क्योंकि हमने जल्द ही 100 से ज्यादा रन की साझेदारी बना ली थी।’ (भाषा)