पिछले महीने इंग्लैंड दौरे पर भारत की ना केवल वरिष्ठ टीम बल्कि अंडर 19 और महिला टीम भी दौरे पर गई हुई थी। अंतर बस इतना था कि भारतीय सीनियर टीम लाल गेंद की क्रिकेट के 5 टेस्ट मैच के लिए इंग्लैंड से लोहा लेने गई थी जबकि अंडर 19 और महिला टीम सफेद गेंद के दौरे पर थी। महिला टीम की बात करें तो टीम के लिए विशेषकर एकदिवसीय सीरीज अहम थी क्योंकि अगले महीने के अंत में वनडे विश्वकप शुरु होने वाला है।वहीं जूनियर टीम की बात करें तो भारत की ओर से अगर वैभव सूर्यवंशी थे तो इंग्लैंड की ओर से पूर्व ऑलराउंडर एंड्र्यू फ्लिंटॉफ के बेटे रॉकी फ्लिंटॉफ सामने खड़े थे।शुरुआत में ऐसा माना जा रहा था कि सिर्फ जूनियर टीम ही इंग्लैंड में सफलता पाएगी
क्योंकि महिला टीम का रिकॉर्ड इंग्लैंड के खिलाफ अच्छा नहीं था और सीनियर टीम की कमान युवा शुभमन गिल के हाथों में थी और कुछ युवा चेहरे टीम में शामिल थे।जहां सीनियर्स ने यह सुनिश्चित किया कि वह कम से कम टेस्ट सीरीज ना हारे वहीं महिलाओं और जूनियर्स ने भी लगभग सभी सीरीज जीती और किसी में भी हार का मुंह नहीं देखा।
परिवर्तन के दौर की पहली परीक्षा में सफल रही शुभमन गिल की भारतीय टेस्ट टीम
शुभमन गिल की अगुवाई में भारतीय टीम जब लगभग दो महीने पहले इंग्लैंड पहुंची थी तो कुछ प्रमुख सीनियर खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में उससे ज्यादा उम्मीद नहीं की जा रही थी लेकिन इस टीम ने पांचों टेस्ट मैच में न सिर्फ़ उम्मीदों से बढ़कर प्रदर्शन किया, बल्कि भविष्य के लिए एक बेहतरीन खाका भी पेश किया।
दोनों कप्तानों गिल और उनके प्रतिद्वंदी बेन स्टोक्स के शब्दों में 45 दिनों की कड़ी टक्कर के बाद 2-2 की बराबरी शायद एक उचित परिणाम है। भारत ने दो मैच गंवाए, लीड्स में पहला मैच और लॉर्ड्स में तीसरा टेस्ट। इन मैच में भी भारत जीत सकता था लेकिन यही वह सबक है जो युवा खिलाड़ियों को मिला है।
भारतीय टीम की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि उसने किसी भी मैच में आखिर तक हार नहीं मानी और दो मैच में शानदार वापसी की। इससे टीम के जज्बे का पता चलता है। इस श्रृंखला में यह भी साबित हो गया कि भारतीय टीम का भविष्य सुरक्षित हाथों में है।सीरीज के पहले मैच में भारत ने इंग्लैंड को 373 रनों का लक्ष्य दिया लेकिन इंग्लैंड ने इसे आसानी से 5 विकेट खोकर पा लिया। टीम इंडिया ने जबरदस्त वापसी करते हुए दूसरा टेस्ट इंग्लैंड से 356 रनों से जीता।
तीसरे टेस्ट में भारत 192 रनों के लक्ष्य का पीछा करने से सिर्फ 22 रनों से चूक गया। मैनचेस्टर में जब हार सिर पर दिख रही थी तो शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों ने 2 दिन बल्लेबाजी कर सुनिश्चित किया कि चोटिल ऋषभ पंत को क्रीज पर ना आना पड़े।
ड्रॉ के बाद टीम का हौसला बढ़ा हुआ था अंतिम टेस्ट में भारत ने पकड़ बनाई लेकिन तस्वीर पहले टेस्ट जैसी ही दिखने लगी और लगा कि एक और बार इंग्लैंड 370 पार कर जाएगा। लेकिन जीत से 40 रन दूर ही इंग्लैंड का बल्लेबाजी क्रम टूटने लगा और भारत को 6 रनों से एक एतिहासिक जीत मिल गई।
वनडे सीरीज 2-1 से जीतकर भारत ने की विश्वकप की तैयारी
लगभग इस ही दौरान भारतीय महिला टीम का इंग्लैंड दौरा भी सकरात्मक पहलू साथ लेकर आया। भारतीय महिला टीम ने पहली बार इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज अपने नाम की। वहीं वनडे विश्वकप से पहले वनडे सीरीज भी 2-1 से अपने नाम कर आत्मविश्वास बढ़ाया।
इस सीरीज की खोज रही भारत की युवा तेज गेंदबाज क्रांति गौड़ जिन्होंने पहले ही एकदिवसीय मैच से प्रभावित करना शुरु किया।गौड़ (नौ ओवर में 55 रन देकर दो विकेट) और ऑफ स्पिनर स्नेह राणा (10 ओवर में 31 रन देकर दो विकेट) ने दो दो विकेट झटके लेकिन सोफिया डंकले की 92 गेंद में नाबाद 83 रन की पारी की मदद से इंग्लैंड ने छह विकेट पर 258 रन का सम्मानजनक स्कोर खड़ा किया।दीप्ति ने 64 गेंदों पर तीन चौकों और एक छक्के की मदद से नाबाद 62 रन बनाए जिससे भारत ने 259 रन का लक्ष्य 10 गेंद शेष रहते हुए हासिल कर दिया।
दूसरे वनडे में इंग्लैंड ने वर्षा से प्रभावित दूसरे एकदिवसीय मैच में भारतीय महिला क्रिकेट टीम को आठ विकेट से हराकर तीन मैचों की श्रृंखला 1-1 से बराबर कर ली।शुरुआत में इंग्लैंड को 29 ओवर में 144 रन का लक्ष्य प्राप्त करना था, लेकिन फिर से बारिश होने के कारण लक्ष्य को संशोधित कर 24 ओवर में 115 रन कर दिया गया, तब 18.4 ओवर में इंग्लैंड का स्कोर एक विकेट पर 102 रन था।
भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे और अंतिम महिला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में 13 रन से जीत दर्ज करके श्रृंखला 2-1 से अपने नाम की। अंतिम एकदिवसीय में कप्तान हरमनप्रीत कौर ने शतक जमाया जबकि युवा तेज गेंदबाज क्रांति गौड़ ने छह विकेट लिए।कप्तान हरमनप्रीत की 84 गेंदों पर 102 रन की शानदार पारी और जेमिमा रोड्रिग्स (50) के अर्धशतक की बदौलत भारतीय महिला टीम ने पांच विकेट पर 318 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाया।इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने कमाल दिखाया और इंग्लैंड को 49.5 ओवर में 305 रन पर आउट कर दिया।
महिला टीम ने पहली बार इंग्लैंड से जीती टी-20 सीरीज
इससे पहले जिस अंदाज में भारत ने टी-20 अंतरराष्ट्रीय सीरीज का आगाज किया था वहीं से पता चल गया था कि यह दौरा भारत का होने वाला है।कार्यवाहक कप्तान स्मृति मंधाना (112) के पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय शतक के बाद पदार्पण करने वाली स्पिनर श्री चरणी (12 रन देकर चार विकेट) की शानदार गेंदबाजी की बदौलत भारतीय महिला टीम ने पहले मैच में इंग्लैंड को 97 रन से हराकर पांच मैचों की श्रृंखला में 1-0 से बढ़त हासिल की। यह महिला टी20 अंतरराष्ट्रीय में इंग्लैंड की सबसे बड़ी हार थी।
शुरू से ही आक्रामक रवैया अख्तियार करने वाली मंधाना की 15 चौके और तीन छक्के जड़ित 62 गेंद की पारी की बदौलत भारत ने पांच विकेट पर 210 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। यह इंग्लैंड में भारतीय महिला टीम का टी20
अंतरराष्ट्रीय में सर्वोच्च स्कोर भी है।भारतीय गेंदबाजों ने इंग्लैंड की टीम को शुरू से ही दबाव में ला दिया और पावरप्ले तक उसके तीन विकेट झटक लिए। कप्तान नैट साइवर ब्रंट (66 रन) के अर्धशतक के बावजूद मेजबान टीम 14.5 ओवर में 113 रन ही बना सकी।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए अमनजोत कौर और जेमिमा रोड्रिग्स के अर्धशतकों की मदद से दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में इंग्लैंड को 24 रन से हरा दिया।अमनजोत (40 गेंदों पर नाबाद 63 रन) ने टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना पहला अर्धशतक लगाया जबकि रोड्रिग्स ने 41 गेंदों पर 63 रन का योगदान दिया जिससे भारत ने पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किए जाने के बाद चार विकेट पर 181 रन का मजबूत स्कोर खड़ा किया।स्पिनरों की अगुआई में भारतीय गेंदबाजों ने टैमी ब्यूमोंट के 35 गेंदों पर 54 रन के बावजूद इंग्लैंड की टीम को 20 ओवरों में सात विकेट पर 157 रन पर रोक दिया। यह पहला अवसर रहा जब कोई टीम ब्रिस्टल में महिला टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में इंग्लैंड को हराने में सफल रही।
भारत की बल्लेबाजी अंतिम क्षणों में लड़खड़ा गई जिससे इंग्लैंड ने तीसरे महिला टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में पांच रन से करीबी जीत दर्ज करके पांच मैच की श्रृंखला को जीवंत रखा।इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। सोफिया डंकले (75) और डैनी व्याट-हॉज (66) ने पहले विकेट के लिए 137 रन की साझेदारी करके उसे शानदार शुरुआत दिलाई, लेकिन इंग्लैंड ने 25 गेंदों में 31 रन के अंदर नौ विकेट गंवा दिए और इस तरह से आखिर में नौ विकेट पर 171 रन बनाए।इसके जवाब में भारत एक समय अच्छी स्थिति में दिख रहा था। स्मृति मंधाना (56) और शेफाली वर्मा (47) ने कई जीवनदान का फायदा उठाकर पहले विकेट के लिए 85 रन जोड़े, लेकिन इसके बाद भारत की बल्लेबाजी लड़खड़ा गई।
भारत ने अपने स्पिनरों के शानदार प्रदर्शन की बदौलत चौथे मैच में छह विकेट से जीत हासिल कर इंग्लैंड के खिलाफ पहली बार महिला टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला जीतकर नया इतिहास रचा।भारत ने 2006 में डर्बी में खेले गए एकमात्र टी-20 मैच में इंग्लैंड को हराया था। उसके बाद से भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू और विदेशी धरती पर खेली गई प्रत्येक महिला टी-20 श्रृंखला में हारती रही थी।राधा यादव (2/15), श्री चरणी (2/30) और दीप्ति शर्मा (1/29) ने मिलकर पांच विकेट लिए और मेजबान टीम को सात विकेट पर 126 रन पर रोक दिया।इसके बाद सलामी बल्लेबाज़ शेफाली वर्मा (32) और स्मृति मंधाना (31) ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए पहले विकेट के लिए 56 रन की साझेदारी करके जीत की नींव रखी। भारतीय टीम ने 17 ओवर में चार विकेट पर 127 रन बनाकर 18 गेंद शेष रहते लक्ष्य हासिल कर लिया।
इंग्लैंड की सरजमीं पर पहली बार टी20 श्रृंखला जीत सुनिश्चित करने वाली भारतीय महिला टीम पांचवें और अंतिम टी20 मैच में मेजबान टीम के खिलाफ अंतिम गेंद पर पांच विकेट से हार का सामना करना पड़ा।भारत ने हालांकि श्रृंखला 3-2 से जीती।भारत ने शेफाली वर्मा की 75 रन की तेजतर्रार पारी से सात विकेट पर 167 रन बनाए लेकिन इंलैंड ने अंतिम गेंद पर पांच विकेट शेष रहते 168 रन बनाकर मैच जीत लिया।
अंडर 19 टीम ने ड्रॉ करे दोनों टेस्ट, वैभव सूर्यवंशी ने बने वनडे सीरीज जीत के हीरो
इंग्लैंड दौरे पर ना केवल सीनियर टीम ने बल्कि जूनियर टीम ने पहले ही झलक दिखा दी थी कि भविष्य में भारतीय टीम इंग्लैंड टीम पर खासी भारी पड़ने वाली है। इंग्लैंड के खिलाफ अंडर 19 टीम ने दो यूथ टेस्ट खेले। दोनों ही टेस्ट मैच ड्रॉ हुए लेकिन किसी भी पारी में भारत की बल्लेबाजी ढही नहीं।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में शानदार प्रदर्शन से उत्साहित युवा वैभव सूर्यवंशी और आयुष म्हात्रे ने गेंदबाजों की अच्छी गेंदबाजी के बाद बल्ले से धमाल मचाया जिससे भारत ने अंडर-19 दौरे के पहले वनडे में इंग्लैंड को छह विकेट से हराकर श्रृंखला में 1-0 की बढ़त हासिल की।भारतीय गेंदबाजी इकाई ने कनिष्क चौहान (20 रन देकर तीन विकेट) और मोहम्मद एनान (37 रन देकर दो विकेट) की स्पिन जोड़ी के नेतृत्व में तेज गेंदबाजों आरएस अंबरीश (24 रन देकर दो विकेट) और हेनिल पटेल (41 रन देकर दो विकेट) के साथ मिलकर शानदार प्रदर्शन किया।रॉकी फ्लिंटॉफ (90 गेंद में 56 रन) के जुझारू अर्धशतक के बावजूद इंग्लैंड की टीम 42.2 ओवर में 174 रन पर सिमट गई।
दूसरे एकदिवसीय मैच में इंग्लैंड की अंडर 19 टीम ने भारत की अंडर 19 टीम को 1 विकेट से हराकर सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली। सशक्त मध्यक्रम बल्लेबाजी की मदद से भारत ने 10 विकेट के नुकसान पर 49 ओवर में 290 रन बनाए थे।हालांकि इंग्लैंड ने अपने कप्तान और विकेटकीपर थॉमस रियू के आतिशी शतक के कारण यह मैच 1 विकेट रहते जीत लिया। इंग्लैंड की ओर से एएम फ्रेंच ने 4 विकेट लिए और किसी भी बल्लेबाज को अर्धशतक नहीं बनाने दिया। बावजूद इसके भारतीय टीम लगभग 300 रनों का आंकड़ा छू गई।
तीसरे मैच में भी वैभव सूर्यवंशी का कहर बदस्तूर जारी रहा और उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ वर्षा बाधित मैच में टीम को 4 विकेट से जीत दिला दी। बारिश के कारण यह मैच 40 ओवर का कर दिया गया। पहले बल्लेबाजी कर इंग्लैंड ने कप्तान थॉमस रियू (44 गेंदें 76 रन, 9 चौके 3 छक्के) की मदद से 268 रन बनाए। लेकिन जवाब में वैभव सूर्यवंशी की 31 गेंदो में खेली गई 86 रनों की पारी भारी पड़ी जिसमें 6 चौके और 9 छक्के मौजूद थे।
प्रतिभाशाली वैभव सूर्यवंशी ने अपनी दमदार बल्लेबाजी से प्रभावित करना जारी रखते हुए युवा वनडे मैच का सबसे तेज शतक जड़ा जिससे भारत की अंडर-19 टीम ने चौथे मैच में इंग्लैंड को 55 रन से हराकर श्रृंखला जीत ली।आईपीएल 2025 में शानदार प्रदर्शन करने वाले सूर्यावंशी ने 50 ओवर के प्रारूप में भी अपनी काबिलियत साबित की। उन्होंने सिर्फ 78 गेंदों की पारी में 13 चौके और 10 छक्कों की मदद से 143 रन बनाए। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 183 का रहा जिससे भारत ने नौ विकेट पर 363 रन बनाये।फिर इंग्लैंड की टीम को 45.3 ओवर में 308 रन पर समेट दिया। नमन पुष्पक ने 63 रन देकर तीन विकेट लिए।
भारतीय अंडर-19 टीम पांचवें युवा वनडे मैच में इंग्लैंड अंडर-19 से सात विकेट से हार गयी। भारत ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला करने के बाद नौ विकेट पर 210 रन बनाए। इंग्लैंड ने इस लक्ष्य को 113 गेंदें शेष रहते हुए आसानी से हासिल कर लिया।