आज के दिन क्रिकेट इतिहास में एक अलग ही मुकाम है। सीधे शब्दों में कहा जाए तो आज का दिन नीदरलैंड क्रिकेट टीम के लिए किसी बड़े सपने से कम नहीं रहा था। आज से ठीक 12 साल पहले इंग्लैंड के मैदान पर एक ऐसा मुकाबला खेला गया था, जिसकी यादें आज भी क्रिकेट फैंस के जहन में ताजा है।
दरअसल, आज ही के दिन साल 2009 में आईसीसी के दूसरा टी20 वर्ल्ड कप खेला गया था और टूर्नामेंट का पहला ही मुकाबला मेजबान इंग्लैंड और नीदरलैंड के बीच लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर खेला गया था। वैसे तो मैच के शुरु होने से पहले इंग्लैंड टीम को जीत का फेवरेट माना जा रहा था, लेकिन 40 ओवर के मैच के बाद जो हुआ उसका जिक्र आज तक क्रिकेट के गलियारों में किया जाता है।
मैच में इंग्लैंड की कमान पॉल कॉलिंगवुड और नीदरलैंड की जेरोएन स्मट्स के हाथों में थी। मैच का आगाज नीदरलैंड के टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने के साथ हुआ और इंग्लैंड ने टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए अपने 20 ओवरों के खेल में पांच विकेट के नुकसान पर 162 रनों का स्कोर बोर्ड पर लगा डाला। मेजबान टीम की ओर से सलामी बल्लेबाज ल्यूक राइट (71) और रवि बोपारा (46) का स्कोर बनाया था।
नीदरलैंड के लिए रयान टेन डोशचेट दो, जबकि पीटर सीलार और पीटर बोरेन एक-एक विकेट लेने में सफल रहे थे। डच टीम के सामने 163 रनों का लक्ष्य था और फैंस को नीदरलैंड से कोई भी उम्मीद नहीं थी। लेकिन कहते हैं नक्रिकेट अनिश्चिताओं का खेल है और उस दिन ऐसा ही देखने को मिला। नीदरलैंड ने अंतिम गेंद पर इंग्लैंड कोहराकर पूरे क्रिकेट जगत को मानों हिलाकर रख दिया।
अंतिम गेंद पर नीदरलैंड को मैच जीतने के लिए दो रनों की जरूरत थी और टीम ने ओवरथ्रो के जरिए एक रन को दूसरे में बदलकर एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की। अंतिम ओवर में उस समय इंग्लैंड के लिए स्टुअर्ट ब्रॉड गेंदबाजी कर रहे थे लेकिन वह टीम को इस शर्मनाक हार से नहीं बचा पाए। नीदरलैंड की जीत में टॉम डी ग्रोथो ने शानदार 49 रन बनाए थे, जबकि रयान टेन डोशचेट 22 के स्कोर पर नाबाद लौटे थे। नीदरलैंड ने यह मुकाबला पूरे चार विकेट से जीता था।