विहारी ने कहा कि खुश हूं कि शतक बना सका और इसका श्रेय इशांत को दिया जाना चाहिए। उसने आज एक बल्लेबाज की तरह टिककर बल्लेबाजी की। वह जिस तरह से खेल रहा था, हम चर्चा करते रहे कि एक गेंदबाज कैसा खेल रहा है और उसके अनुभव ने सचमुच काफी मदद की।
पिता को समर्पित करना चाहते हैं पहला शतक : विहारी ने 13 साल पहले अपने पिता को खो दिया था जिसके बाद उन्होंने फैसला किया था कि वह पहला शतक उन्हें समर्पित करेंगे। विहारी ने अपने करियर की 111 रन की पारी के बाद कहा कि जब मैं 12 साल का था, तब मेरे पिता का निधन हो गया था तभी मैंने फैसला किया था जब भी मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलूंगा तो अपना पहला शतक उन्हें समर्पित करूंगा।
उन्होंने कहा, 'आज का दिन मेरे लिए भावनाओं से भरा था और मुझे उम्मीद है कि वह जहां भी होंगे, उन्हें मुझे पर गर्व होगा। मैं खुश हूं कि मैं ऐसा कर सका।'