विश्व कप 1983 जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान कपिल ने एक प्रचार कार्यक्रम के इतर कहा, आप कभी किसी की तुलना महेंद्र सिंह धोनी से नहीं कर सकते। कोई भी कभी धोनी के स्तर के खिलाड़ी की जगह नहीं ले सकता। पंत प्रतिभावान खिलाड़ी है और धोनी के साथ उसकी तुलना करके हमें उसे दबाव में नहीं डालना चाहिए।
कपिल ने खिलाड़ियों पर बोझ के मुद्दे को भी अधिक तूल नहीं दिया। उन्होंने कहा, हम सभी पर काम का बोझ है। हम इसे बड़ा मुद्दा बना रहे हैं। काम का बोझ क्या है? मेहनत करनी है ना? क्या आप मेहनत भी नहीं करोगे? कपिल की अगुआई वाली टीम में उनके अलावा मोहिंदर अमरनाथ, मदन लाल और रोजर बिन्नी जैसे ऑलराउंडर थे।
मौजूदा टीम के ऑलराउंडरों हार्दिक पांड्या और विजय शंकर की गेंदबाजी मजबूत नहीं है लेकिन कपिल ने आलोचना से इनकार किया। उन्होंने कहा, विश्व कप जीतना दुकान से मिठाई खरीदने के समान नहीं है। यह एक मिशन है और इस समय मैं टीम की खिंचाई करने वाला आलोचक नहीं बनना चाहता। मैं कमजोर पक्षों को निशाना बनाने की जगह मजबूत पक्षों पर ध्यान दूंगा।
कपिल ने कहा, विश्व कप चार साल की योजना का समापन है। मुझे यकीन है कि हमारी चयन समिति ने खिलाड़ियों के सही समूह का चयन किया है। अब यह खिलाड़ियों पर निर्भर करता है कि वे योजना को अमलीजामा पहनाएं। इस तरह के टूर्नामेंट में थोड़े भाग्य की भी जरूरत होती है।