पुणे: पहली बार इंग्लैंड विश्वकप विश्वविजेता के रुप में भारत से भारतीय सरजमीन पर वनडे मैच खेलेगा। हालांकि यह सीरीज इंग्लैंड के लिए अग्निपरीक्षा की तरह होने वाली है क्योंकि वह अपने दो अहम खिलाड़ी जोफ्रा आर्चर और जो रूट के बिना खेल रहा है। साल 2019 के बाद पहली बार इंग्लैंड टीम को वनडे सीरीज मेें विदेशी जमीन पर कड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद है।
इंग्लैंड ने भारत से टेस्ट सीरीज 1-3 से गंवाने के बाद पांच मैचों की टी-20 सीरीज 2-3 से गंवा दी थी। इन लगातार पराजयों के बाद इंग्लैंड की नजरें अब मंगलवार से शुरू हाे रही तीन मैचों की वनडे सीरीज पर टिक गई हैं। यह सीरीज इंग्लैंड के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस सीरीज में आईसीसी वर्ल्ड सुपर लीग के आधार पर अंक मिलेंगे।
आईसीसी वर्ल्ड सुपर लीग में ऑस्ट्रेलिया छह मैचों में चार मैच जीत कर 40 अंकों के साथ सबसे ऑगे हैं। इंग्लैंड की टीम छह मैचों में तीन जीत और 30 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है, जबकि भारत ने अब तक इस सीरीज में तीन मैच खेले हैं और वह केवल एक जीत पाया है। भारत नौ अंकों के साथ तालिका में दसवें स्थान पर है। भारत का लक्ष्य इस सीरीज में जीत हासिल कर अपनी स्थिति सुधारने का होगा।
भारतीय टीम ने टेस्ट सीरीज में पहला मैच गंवाने के बाद शानदार वापसी की थी और इसी तरह उसने टी-20 सीरीज में पहला मैच गंवाने के बाद जबरदस्त वापसी की। इंग्लैंड के वनडे कप्तान इयोन मोर्गन का मानना है कि उनकी टीम को अपने प्रदर्शन में निरंतरता दिखानी होगी। माेर्गन ने पहले वनडे की पूर्व संध्या पर सोमवार को कहा, ' 2019 में विश्व कप जीतने के बाद से हमने वनडे में अपने प्रदर्शन में कोई निरंतरता नहीं दिखाई है और हमारा प्रदर्शन औसत रहा है। '
इंग्लैंड ने 2019 में विश्व कप जीतने के बाद से नौ वनडे खेले हैं, जिनमें से उसने चार जीते हैं, चार हारे हैं और डर्बन में खेला गया एक वनडे वॉश आउट रहा है। इंग्लैंड ने इस दौरान दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और आयरलैंड से मैच गंवाए हैं। इंग्लैंड के लिए भारत के खिलाफ यह सीरीज काफी महत्वपूर्ण साबित होने जा रही है। मोर्गन का मानना है कि इस सीरीज में उनकी टीम का लक्ष्य प्रदर्शन में उस निरंतरता को हासिल करना रहेगा, जिसकी बदौलत उन्होंने 2019 में अपना पहला 50 ओवर का विश्व खिताब जीता था।