पठान ने पिछले साल 16 मार्च को एक घरेलू टी20 प्रतिस्पर्धा के बाद बीसीसीआई के डोपिंग निरोधक परीक्षण कार्यक्रम के तहत मूत्र का नमूना दिया था। बोर्ड ने कहा, 'उनके नमूने की जांच की गई और उसमें टरबूटेलाइन के अंश मिले। यह वाडा के प्रतिबंधित पदार्थों की सूची में आता है।'
बीसीसीआई ने कहा, 'पठान ने आरोप को स्वीकार करते हुए बताया कि यह गलती से उस दवा को लेने के कारण हुआ है जिसमें टरबूटेलाइन मौजूद थी। उन्हें गलती से यह दवा दे दी गई जबकि उन्हें जो नुस्खा दिया गया था, उसमें कोई प्रतिबंधित दवा नहीं थी।