दर्शकों और आलोचकों की नाराजगी के बाद आखिरकार वेस्टइंडीज ने विश्व कप में एक जीत दर्ज की, लेकिन वेस्टइंडीज टीम के लिए यह जीत ज्यादा खुशी देने वाली नहीं रही, क्योंकि इसी दिन कैरेबियाई क्रिकेट के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी ब्रायन लारा ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
यह एक बहुत बडी क्षति है न केवल वेस्टइंडीज क्रिकेट के लिए, बल्कि पूरे क्रिकेट जगत के लिए। मैं हमेशा से यह मानता रहा हूँ कि संन्यास लेने का निर्णय एक व्यक्तिगत निर्णय है और इसके बारे में वही व्यक्ति सबसे अच्छा जानता है जो ऐसा कर रहा है।
हाँ, संन्यास लेने के समय के बारे में हम सोच सकते हैं और लारा के मामले में कुछ ऐसा ही हुआ है। वह कुछ और वर्षो तक टेस्ट क्रिकेट खेल सकते थे और वेस्टइंडीज क्रिकेट को प्रतिष्ठा प्रदान कर सकते थे। उनमें अकेले दम पर टीम को जिता सकने की क्षमता थी।
संन्यास लेने का फैसला करना काफी कठिन होता है। मैं अपने अनुभव से कहता हूँ कि कैसे दिल के टुकड़े होते हैं। आप जिसे सबसे ज्यादा प्यार करते हैं, उसे आपको अलविदा कहना होता है। लेकिन यह भी एक सच है क्योंकि कोई भी खिलाड़ी ताउम्र नहीं खेल सकता।
बांग्लादेश पर बड़ी जीत ने वेस्टइंडीज टीम को सुकून पहुँचाया होगा, लेकिन उन्होंने दुनिया के एक बेहतरीन बल्लेबाज को खो दिया। मेरे लिए लारा एक मैच विजेता खिलाड़ी थे, जिन्हें पता था कि बड़े स्तर पर कैसे प्रदर्शन करना है। मैं अभी किसी ऐसे बल्लेबाज को नहीं जानता जो गेंदबाजों को इतने बेहतरीन और करिश्माई तरीके से खेलता हो।
हालाँकि मैं किसी की तुलना करना पसंद नहीं करता लेकिन विव रिचर्ड्स विध्वंसक बल्लेबाजी के मामले में लारा से ऊपर थे लेकिन भला कोई लारा की इंग्लैंड के खिलाफ 375 और 400 रनों की अद्भुत पारियों को कैसे भूल सकता है। बाएँ हाथ के इस दिग्गज बल्लेबाज प्रथम श्रेणी में 501 रनों की पारी खेल सबको दाँतो तले अँगुली दबाने को मजबूर कर दिया था।
लारा बहुत ही प्रतिभाशाली खिलाड़ी थे, लेकिन उनकी एक बात जो सबसे अलग करती थी, वह है उनका मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकलने की ढृढ इच्छा शक्ति। इस तरह वह जबर्दस्त प्रदर्शन करते थे और जब वह अपनी लय में गेंदबाजों की बखिया उधेड़ते थे। ऐसे में उन्हें देखना काफी रोमांच पैदा करता था।
किसी भी बल्लेबाज के लिए हमेशा आक्रामक खेलना आसान नहीं होता, लेकिन लारा सुरक्षात्मक रूप से खेलना पसंद नहीं करते थे। लारा एक विशेष खिलाड़ी थे। युवा खिलाड़ी हमेशा उन्हें एक 'रोल मॉडल' के रूप में देखेंगे।
एक बल्लेबाज के रूप में उनका कोई मुकाबला नहीं है। वह सभी परिस्थितियों में सभी तरह के शॉट्स खेल सकते थे और यह काम केवल कुछ ही बल्लेबाज कर सकते हैं। मैं उनके गेंद की पिच पर पहुंचकर उसे सीमा रेखा के पार पहुँचाने की क्षमता का काफी मजा लेता था। स्पिनरों के खिलाफ उनकी बल्लेबाजी वाकई अद्भुत थी।
मैं यकीन के साथ कह सकता हूँ कि अच्छी बल्लेबाजी के सभी प्रशंसक लारा की श्रीलंका में खेली गई उस पारी को जरूर याद रखना चाहेंगे, जिसमें स्पिनरों की मददगार विकेट पर उन्होंने मुथैया मुरलीधरन की जमकर खबर ली थी। लारा जब अपनी लय में होते थे तो किसी की भी बखिया उधेड़ सकते थे और उनका विकेट हमेशा से ही बेशकीमती होता था।
मैथ्यू हैडन द्वारा टेस्ट क्रिकेट की एक पारी सर्वाधिक 380 रन बनाने के रिकॉर्ड को लारा ने इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद 400 रन बनाकर तोड़ा और लारा इसके हकदार थे।
क्रिकेट जगत के तीन महान खिलाडियों शेन वॉर्न, ग्लेन मैग्राथ और लारा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया और क्रिकेट जगत इनके बिना सूना होगा खासतौर पर लारा के बगैर।
लारा ने बल्लेबाजी को असीम ऊँचाईयों तक पहुँचाया। उन्होंने जो मापदंड स्थापित किए हैं, उसे किसी के लिए तोड़ पाना काफी मुश्किल होगा, लेकिन लारा आने वाले समय में एक उदाहरण बनेंगे।
दर्शकों और आलोचकों की नाराजगी के बाद आखिरकार वेस्टइंडीज ने विश्व कप में एक जीत दर्ज की, लेकिन वेस्टइंडीज टीम के लिए यह जीत ज्यादा खुशी देने वाली नहीं रही, क्योंकि इसी दिन कैरेबियाई क्रिकेट के सबसे भरोसेमंद खिलाडी ब्रायन लारा ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
यह एक बहुत बडी क्षति है न केवल वेस्टइंडीज क्रिकेट के लिए, बल्कि पूरे क्रिकेट जगत के लिए। मैं हमेशा से यह मानता रहा हूँ कि संन्यास लेने का निर्णय एक व्यक्तिगत निर्णय है और इसके बारे में वही व्यक्ति सबसे अच्छा जानता है जो ऐसा कर रहा है।
हाँ, संन्यास लेने के समय के बारे में हम सोच सकते हैं और लारा के मामले में कुछ ऐसा ही हुआ है। वह कुछ और वर्षो तक टेस्ट क्रिकेट खेल सकते थे और वेस्टइंडीज क्रिकेट को प्रतिष्ठा प्रदान कर सकते थे। उनमें अकेले दम पर टीम को जिता सकने की क्षमता थी।
संन्यास लेने का फैसला करना काफी कठिन होता है। मैं अपने अनुभव से कहता हूँ कि कैसे दिल के टुकड़े होते हैं। आप जिसे सबसे ज्यादा प्यार करते हैं, उसे आपको अलविदा कहना होता है। लेकिन यह भी एक सच है क्योंकि कोई भी खिलाड़ी ताउम्र नहीं खेल सकता।
बांग्लादेश पर बड़ी जीत ने वेस्टइंडीज टीम को सुकून पहुँचाया होगा, लेकिन उन्होंने दुनिया के एक बेहतरीन बल्लेबाज को खो दिया। मेरे लिए लारा एक मैच विजेता खिलाड़ी थे, जिन्हें पता था कि बड़े स्तर पर कैसे प्रदर्शन करना है। मैं अभी किसी ऐसे बल्लेबाज को नहीं जानता जो गेंदबाजों को इतने बेहतरीन और करिश्माई तरीके से खेलता हो।
हालाँकि मैं किसी की तुलना करना पसंद नहीं करता लेकिन विव रिचर्ड्स विध्वंसक बल्लेबाजी के मामले में लारा से ऊपर थे लेकिन भला कोई लारा की इंग्लैंड के खिलाफ 375 और 400 रनों की अद्भुत पारियों को कैसे भूल सकता है। बाएँ हाथ के इस दिग्गज बल्लेबाज प्रथम श्रेणी में 501 रनों की पारी खेल सबको दाँतो तले अँगुली दबाने को मजबूर कर दिया था।
लारा बहुत ही प्रतिभाशाली खिलाड़ी थे, लेकिन उनकी एक बात जो सबसे अलग करती थी, वह है उनका मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकलने की ढृढ इच्छा शक्ति। इस तरह वह जबर्दस्त प्रदर्शन करते थे और जब वह अपनी लय में गेंदबाजों की बखिया उधेड़ते थे। ऐसे में उन्हें देखना काफी रोमांच पैदा करता था।
किसी भी बल्लेबाज के लिए हमेशा आक्रामक खेलना आसान नहीं होता, लेकिन लारा सुरक्षात्मक रूप से खेलना पसंद नहीं करते थे। लारा एक विशेष खिलाड़ी थे। युवा खिलाड़ी हमेशा उन्हें एक 'रोल मॉडल' के रूप में देखेंगे।
एक बल्लेबाज के रूप में उनका कोई मुकाबला नहीं है। वह सभी परिस्थितियों में सभी तरह के शॉट्स खेल सकते थे और यह काम केवल कुछ ही बल्लेबाज कर सकते हैं। मैं उनके गेंद की पिच पर पहुंचकर उसे सीमा रेखा के पार पहुँचाने की क्षमता का काफी मजा लेता था। स्पिनरों के खिलाफ उनकी बल्लेबाजी वाकई अद्भुत थी।
मैं यकीन के साथ कह सकता हूँ कि अच्छी बल्लेबाजी के सभी प्रशंसक लारा की श्रीलंका में खेली गई उस पारी को जरूर याद रखना चाहेंगे, जिसमें स्पिनरों की मददगार विकेट पर उन्होंने मुथैया मुरलीधरन की जमकर खबर ली थी। लारा जब अपनी लय में होते थे तो किसी की भी बखिया उधेड़ सकते थे और उनका विकेट हमेशा से ही बेशकीमती होता था।
मैथ्यू हैडन द्वारा टेस्ट क्रिकेट की एक पारी सर्वाधिक 380 रन बनाने के रिकॉर्ड को लारा ने इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद 400 रन बनाकर तोड़ा और लारा इसके हकदार थे।
क्रिकेट जगत के तीन महान खिलाडियों शेन वॉर्न, ग्लेन मैग्राथ और लारा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया और क्रिकेट जगत इनके बिना सूना होगा खासतौर पर लारा के बगैर।
लारा ने बल्लेबाजी को असीम ऊँचाईयों तक पहुँचाया। उन्होंने जो मापदंड स्थापित किए हैं, उसे किसी के लिए तोड़ पाना काफी मुश्किल होगा, लेकिन लारा आने वाले समय में एक उदाहरण बनेंगे।