टीम इंडिया को मिला 'छोटा दादा'

रविवार, 3 जून 2007 (20:37 IST)
सौरव गांगुली यानी दादा के बाद अब भारतीय क्रिकेट को अब मनोज तिवारी के रूप में 'छोटा दादा' भी मिल गया है। पिछले साल बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले तिवारी के अलावा राजेश पवार को बांग्लादेश दौरे के लिए भारतीय टीम में चुना गया है।

तिवारी को उनकी आक्रामक बल्लेबाजी के कारण जहाँ एकदिवसीय टीम में जगह दी गई है, वहीं बाएँ हाथ के ऑफ स्पिनर पवार को टेस्ट टीम में चुना गया है।

गांगुली ने पिछले साल रणजी ट्रॉफी सत्र के दौरान एक बार कहा था कि वह भारतीय क्रिकेट का भविष्य है। गांगुली ऐसी तारीफ किसी और की नहीं बल्कि बंगाल के अपने साथी खिलाड़ी मनोज तिवारी की थी, जिन्हें अपने शानदार प्रदर्शन के कारण अब 'छोटा दादा' भी कहा जाने लगा है।

तिवारी पिछले साल से ही राष्ट्रीय टीम का दरवाजा खटखटा रहे थे। तब उन्होंने सात रणजी मैच में 99.50 की औसत से 796 रन बनाए, जिसमें नाबाद 210 रन की एक पारी भी शामिल है।

14 नवंबर 1985 को जन्मा यह युवा बल्लेबाज तकनीक के मामले में बहुत सक्षम नहीं है, लेकिन उनके आक्रामक तेवर और खेल की शैली लाजवाब है। यही नहीं जरूरत पड़ने पर टीम उनकी लेगब्रेक गेंदबाजी का भी फायदा उठा सकती है।

वह भारत के उन कुछेक युवा बल्लेबाजों में शामिल है जो क्रीज पर उतरते ही ताबड़तोड़ रन बनाने और गेंदबाजों पर हावी होने में विश्वास रखते हैं, लेकिन ऑफ साइड की बाहर जाती गेंदों पर छेड़छाड़ करना उनकी कमजोरी नहीं है।

pti
तिवारी के आदर्श खिलाड़ी इंग्लैंड के केविन पीटरसन हैं। जब उन्होंने पीटरसन को पहली बार खेलते हुए देखा तो फिर उनकी नकल करने की कोशिश की और वह इसमें सफल भी रहे।

दाएँ हाथ के इस बल्लेबाज के अनुसार मैं उनका (पीटरसन) दीवाना हूँ। मुझे उसके आक्रामक तेवर पसंद हैं। मैंने जब उसे पहली बार देखा तो तभी मैंने उसकी शैली अपनाने की सोची। अब तक 15 प्रथम श्रेणी मैच में 57.50 की औसत से 1150 रन के रिकॉर्ड से पता चलता है कि तिवारी भारतीय टीम के मध्यक्रम को मजबूती देने में सक्षम हैं।

राजेश पवार को हरभजन सिंह की जगह टीम में लिया गया है। वह भी भज्जी की तरफ बाएँ हाथ के ऑफ स्पिनर हैं और पिछले कुछ समय से घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करके चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी तरफ खींच रहे थे।

6 सितंबर 1979 को मुंबई में जन्में राजेश विठ्ठल पवार ने अपने कॅरियर की शुरुआत मुंबई की तरफ से ही की, लेकिन अभी वह बड़ोदरा की तरफ से खेलते हैं। उन्होंने पिछले साल रणजी ट्रॉफी में आठ मैच में 24.52 की औसत से 36 विकेट लिए थे। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 87 रन पर सात विकेट रहा।

पवार अब तक 59 प्रथम श्रेणी मैच में 214 विकेट ले चुके हैं और उनका 27.89 का औसत दिखाता है कि वह अनुकूल परिस्थितियों में हरभजन का सही विकल्प हो सकते हैं जिन्हें टीम से बाहर किया गया है।

वह निचले क्रम में एक उपयोगी बल्लेबाज भी हैं और अब तक अपने कॅरियर में दो अर्द्धशतक भी जमा चुके हैं। उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट की 79 पारियों में 1134 रन बनाए, जिसमें उनका उच्चतम स्कोर नाबाद 95 है।

वेबदुनिया पर पढ़ें