फिर मौका नहीं मिला राणादेब को

रविवार, 3 जून 2007 (20:18 IST)
राणादेब बोस अपने कॅरियर में 10 हजार से अधिक गेंद फेंक चुके हैं, लेकिन उन्होंने कभी नोबॉल नहीं की और उन्होंने पिछले साल रणजी ट्रॉफी में सर्वाधिक 57 विकेट चटकाए।

चयनसमिति ने कुछ अवसरों पर राणादेब नाम पर चर्चा की लेकिन दुर्भाग्य से बंगाल का यह उदीयमान तेज गेंदबाज इस बार भी राष्ट्रीय टीम की बस में बैठने से चूक गया। चयनकर्ताओं ने बांग्लादेश दौरे के लिए टेस्ट और एकदिवसीय मैचों के लिए जो टीम चुनी है, उसमें बोस का नाम शामिल नहीं है।

चयनकर्ताओं का यह फैसला काफी हैरानी वाला माना जा सकता है क्योंकि शुरू से ही जिस खिलाड़ी के चयन की प्रबल संभावनाएँ थी वह खिलाड़ी राणादेब बोस था।

उनके अलावा मुंबई के बल्लेबाज रोहित शर्मा और दिल्ली के तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा का चयन भी तय माना जा रहा था, लेकिन विश्व कप में टीम के लचर प्रदर्शन के बाद नए खिलाड़ियों को मौका देने की बातें चयन में में सार्थक होती नहीं दिखी।

शानदार एक्शन गेंद छोड़ने का बेहतरीन तरीका सटीक लाइन व लेंग्थ और पिछले एक साल से नियमित अच्छा प्रदर्शन। इन सबके बावजूद बोस को राष्ट्रीय टीम में क्यों नहीं लिया गया, इसका जवाब किसी चयनकर्ता के पास नहीं है।

बोस ने पिछले साल केवल आठ रणजी मैच में 57 विकेट चटका दिए थे, लेकिन इतना अच्छा प्रदर्शन भी उन्हें टीम में जगह नहीं दिला सका। 27 फरवरी 1979 को जन्में बोस को विश्व कप के 30 संभावित खिलाड़ियों में तो जगह मिल गई, लेकिन उन्हें क्रिकेट महाकुंभ से पहले श्रीलंका और वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू श्रृंखलाओं में आजमाने पर विचार तक नहीं किया गया।

बोस ने अब तक 54 प्रथम श्रेणी मैच में 194 विकेट और लिस्ट 'ए' के 53 मैच में 89 विकेट लिए हैं, जिससे पता चलता है कि वह टेस्ट और एकदिवसीय दोनों में समान सफलता हासिल कर सकते हैं।

भारतीय क्रिकेट को कई दिग्गज क्रिकेटर देने वाले मुंबई में पिछले साल रोहित शर्मा के रूप में एक और खिलाड़ी तेजी से उभरा। वैसे वह अंडर-19 विश्व कप और भारत 'ए' की तरफ से पाकिस्तान के खिलाफ अपनी कुछ ठोस पारियों से पहले ही ध्यान खींचने लगे थे।

रोहित ने अंडर-19 विश्व कप में तीसरे नंबर पर खुद को एक उपयोगी बल्लेबाज साबित किया था। इसके बाद उन्हें चैलेंजर ट्रॉफी में खेलने का भी मौका मिला और मुंबई के उनके वरिष्ठ साथी अब उन्हें एक परिपक्व खिलाड़ी मानते हैं।

30 अप्रैल को 20वें वर्ष में प्रवेश करने की तैयारी कर रहे रोहित ने पिछले साल रणजी में गुजरात के खिलाफ 267 गेंद पर 205 रन की शानदार पारी खेली थी। इस मैच में गुजरात की पूरी टीम दोनों पारियों में 200 तक भी नहीं पहुँच पाई थी।

दाएँ हाथ के बल्लेबाज रोहित ने आठ रणजी मैच में 531 रन बनाए, लेकिन लिस्ट 'ए' में अब तक 41.11 की औसत से बनाए गए उनके 740 रन से पता चलता है कि वह एकदिवसीय क्रिकेट में उपयोगी साबित हो सकते हैं। रोहित जरूरत पड़ने पर ऑफ ब्रेक गेंदबाजी भी कर लेते हैं।

ईशांत को तो भारतीय टीम के दक्षिण अफ्रीकी दौरे के दौरान टीम में शामिल भी कर दिया गया था, लेकिन बीसीसीआई की फैसला बदलने की रणनीति के कारण दिल्ली का यह तेज गेंदबाज राष्ट्रीय टीम के साथ ड्रेसिंग रूम का अनुभव लेने से भी वंचित हो गया।

6 फुट चार इंच के 18 वर्षीय ईशांत अपनी लंबी बाजू के एक्शन के कारण बल्लेबाजों को परेशान करने में माहिर हैं। उनकी शॉर्ट पिच गेंद और बाउंसर काफी उपयोगी साबित होती रही हैं। लगभग 135 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से गेंदबाजी करने वाले ईशांत ने पिछले साल ही प्रथम श्रेणी क्रिकेट में प्रवेश किया और अपने प्रदर्शन से कई पूर्व क्रिकेटरों को भी अपना मुरीद बना दिया।

उन्होंने पिछले साल छह रणजी मैच खेले और 20.10 की औसत से 29 विकेट लिए। लिस्ट 'ए' में उन्होंने आठ मैच में 17 विकट लिए हैं। राणादेब, रोहित और ईशांत को लगता है अभी इंतजार करना होगा।

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