रविचंद्रन अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में जो करिश्माई आगाज किया है, उससे कम से कम यह तसल्ली तो हो गई कि भारतीय स्पिन गेंदबाजी की बागडोर जिम्मेदार हाथों में है। 17 सितंबर 1986 में तमिलनाडु में जन्में अश्विन अपनी बेहतरीन गेंदबाजी की बदौलत पहले टेस्ट मैच में 'मैन ऑफ द मैच' का खिताब पाने में सफल रहे।
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टीम इंडिया और तमिलनाडु की ओर खेलने वाला 25 वर्षीय यह गेंदबाज श्रीलंका के अजंथा मेंडिस के बाद एकमात्र बॉलर जो 'कैरम बॉल' फेंकने में महारत रखता है। इंजीनियरिंग (बीटेक, आईटी) में स्नातक अश्विन अब तक क्रिकेट के हर प्रारूप में अपनी प्रतिभा का दिखा चुके हैं।
वेस्टइंडीज के खिलाफ दिल्ली टेस्ट में मैन ऑफ द मैच रहे अश्विन ने मुंबई टेस्ट में शतक बनाकर अपने बल्लेबाज होने का भी सबूत दे दिया। अपनी केवल तीसरी पारी में आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए अश्विन ने 118 गेंदों पर 103 रनों की पारी खेली। इसके अलावा उन्होंने इस मैच में नौ विकेट भी लिए।
इससे पहले अश्विन ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में तमिलनाडु की ओर से खेलते हुए विदर्भ के खिलाफ 6/65 लेकर क्रिकेट पंडितों का ध्यान अपनी ओर खींचा, लेकिन अश्विन को प्रसिद्धि मिली आईपीएल 2010 से। चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से खेलते हुए जब कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने जब पॉवर प्ले में अश्विन से गेंदबाजी करवाई तो उन्होंने अपने कप्तान को निराश नहीं किया।
शुरुआती दिनों में अश्विन बल्लेबाज बनना चाहते थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। लेकिन बल्लेबाजी की अच्छी शैली के बाद भी वे भारत के विशेषज्ञ स्पिन गेंदबाज हैं। (वेबदुनिया डेस्क)