भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान बिशनसिंह बेदी ने नवगठित इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल) के प्रति भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के रवैये को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि खिलाड़ियों को निशाना बनाने के पहले बोर्ड को अपना घर दुरुस्त करना चाहिए।
बेदी ने कहा कि क्रिकेट कोई निजी खेल नहीं है और किसी खिलाड़ी के लीग से जुड़ने पर रोक लगाने का बोर्ड को हक नहीं है।
गौरतलब है कि बोर्ड के सचिव निरंजन शाह ने कुछ दिनों पहले कहा था कि आईसीएल से जुड़ने वाले खिलाड़ियों पर आजीवन प्रतिबंध लग जाएगा और फिर वे कभी भी टीम इंडिया का हिस्सा नहीं बन पाएँगे।
बोर्ड के इस रवैये पर कड़ा ऐतराज जताते हुए बेदी ने कहा कि क्या कोई कर्मचारी अपनी इच्छा से नौकरी नहीं बदल सकता है। ऐसा नहीं होना चाहिए। आखिर बोर्ड किसी खिलाड़ी को किस तरह से प्रतिबंधित कर सकता है।
हालाँकि जब बेदी से यह पूछा गया कि क्या वे भी कई पूर्व खिलाड़ियों की तरह लीग से जुड़ना चाहेंगे, तो इस पूर्व स्पिन गेंदबाज ने कहा कि वह इस ढाँचे में फिट नहीं हो पाएँगे। उन्होंने आईसीएल को कैरी पैकर शो की तरह न मानते हुए कहा कि बोर्ड को इससे भयभीत नहीं होना चाहिए।
बेदी ने अगले महीने दक्षिण अफ्रीका में होने वाले ट्वेंटी-20 विश्वकप से अलग रहने के सचिन तेंडुलकर, राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली के फैसले से सहमति जताते हुए कहा कि क्रिकेट का यह नया अवतार सीनियर खिलाड़ियों के लिए नहीं है।
उन्होंने भारतीय टीम के लिए किसी विदेशी को ही कोच रखने के बोर्ड के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि भारत के पास कई प्रतिभाशाली पूर्व क्रिकेटर हैं, जो यह जिम्मेदारी उठा सकते हैं लेकिन हम हमेशा गोरी चमड़ी वाले लोगों के पीछे ही भागते हैं।