धाकड़ बल्लेबाज यूसुफ पठान ने 105 रन की विस्फोटक पारी खेलते हुए शीर्ष बल्लेबाजों की नाकामयाबी की शर्मिंदगी से उबारकर भारत का दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पाँचवें और निर्णायक एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में सम्मान बचा लिया।
भारत अंतिम मैच आज 33 रन से गँवाकर यह सिरीज 2-3 से हार गया लेकिन पठान की आठ चौकों और आठ गगनचुंबी छक्कों से सजी 105 रन की पारी ने सबका दिल जीत लिया।
पठान ने ऐसे समय में यह पारी खेली जब भारत अपने आठ विकेट 119 रन पर गँवाकर शर्मनाक हार की दहलीज पर खड़ा था लेकिन पठान ने अपने जबर्दस्त पराक्रम से लगभग मैच का रूख पलट डाला। उनके बल्ले की मार से न.न केवल दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज बल्कि उनके समर्थक भी हतप्रभ थे।
दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों की इस कदर पिटाई हाल-फिलहाल देखने में नहीं आई थी। पठान ने लोनवाबो सोतसोबे की गेंद पर छक्का मारकर 68 गेंदों में सात चौकों और आठ छक्कों की मदद से अपना दूसरा वनडे शतक पूरा किया। आखिर मोर्न मोर्कल ने पठान के इस पराक्रम को थामा लेकिन तब तक वह भारत की शर्मनाक हार को सम्मानजनक हार के रूप में बदल चुके थे।
भारत 40.2 ओवर में 234 रन पर सिमटा और दक्षिण अफ्रीका ने डकवर्थ-लुईस नियम के आधार पर 33 रन से मैच जीत लिया। बारिश से प्रभावित 46-46 ओवर के इस मैच में अफ्रीका ने 9 विकेट खोकर 250 रन बनाए थे जबकि भारत कोयह मैच जीतने के लिए 268 रनों का टारगेट मिला था। यूसुफ पठान ने 70 गेंदों पर 105 रन की अपनी पारी में आठ चौके और आठ छक्के लगाए।
पठान की यह पारी लंबे समय तक याद रखी जाएगी। पठान ने 21वें ओवर में अपना पहला छक्का रॉबिन पीटरसन की गेंद पर मारा था। उसके बाद उन्होंने फाफ ड्यू प्लेसिस की गेंद पर दूसरा, मोर्कल की गेंद पर तीसरा, पीटरसन पर चौथा, योहान बोथा पर पाँचवा, छठा और सोतसोबे पर सातवाँ, आठवाँ छक्का मारा।
इस विस्फोटक बल्लेबाज ने जहीर खान के साथ नौंवे विकेट की साझीदारी में 12.4 ओवर में 100 रन जोठञा जिसमें पठान का योगदान 79 और जहीर का 13 रन था। पठान ने मोर्कल की गेंद पर लंबा शॉट खेलने की कोशिश की लेकिन गेंद हवा में ऊँची उछल गई और प्लेसिस ने आसान कैच लपक लिया।
पठान का आउट होना था कि सभी दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी उसी समय मानो जीत का जश्न मनाने लगे। उन्हें मालूम था कि उनके रास्ता का सबसे बडा काँटा दूर हो चुका है। जहीर खान तीन चौकों की मदद से 24 रन बनाकर सोतसोबे की गेंद पर मोर्कल के हाथों लपके गएऔर इसके साथ ही भारतीय पारी 234 रन पर समाप्त हो गई।
दक्षिण अफ्रीका ने पांच मैचों की श्रृंखला 3-2 से जीतकर भारत के खिलाफ अपनी जमीन पर वनडे सिरीज का अपराजेय रिकार्ड बरकरार रखा। भारत ने दक्षिण अफ्रीका से टेस्ट श्रृंखला 1-1 से बराबर रखी थी और एकमात्र टवेंटी-20 मैच जीता था लेकिन वनडे सिरीज में 2-1 की बढ़त बनाने के बावजूद भारत ने दक्षिण अफ्रीका में पहली बार वनडे सिरीज जीतने का सुनहरा मौका आखिरी दो मैच हारकर गँवा दिया।
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भारत का टॉप ऑर्डर एक बार फिर डेल स्टेन और मोर्न मोर्कल की घातक गेंदबाजी के सामने समर्पण कर गया। भारतीय बल्लेबाजों ने कई खराब शॉट खेलकर अपने विकेट गँवाए लेकिन यूसुफ की 'पठानी पारी' ने भारत को भारी शर्मिंदगी से बचा लिया।
दक्षिण अफ्रीका ने ओपनर हाशिम अमला (नाबाद 116) के शानदार शतक से वर्षा से बाधित निर्णायक मैच में नौ विकेट पर 250 रन बनाए लेकिन भारत को इस मैच में जीत के लिए डकवर्थ लुइस नियम के आधार पर 46 ओवर में 268 रन का लक्ष्य मिला।
भारत का शीर्षक्रम सिरीज में एक बार फिर विफल रहा। रोहित शर्मा (5), विराट कोहली (2), कप्तान महेंद्रसिंह धोनी (5), युवराज सिंह (8) और सुरेश रैना (11) के स्कोर को देखकर भारत के टॉप ऑर्डर की दयनीय स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। ओपनर पार्थिव पटेल ने 34 गेंदों पर छह चौकों की मदद से 38 रन बनाकर कुछ संघर्ष दिखाया।
हरभजन सिंह 13 और पीयूष चावला आठ रन बनाकर पैवेलियन लौटे। मोर्न मोर्कल ने पार्थिव, कोहली और धोनी के विकेट झटके जबकि स्टेन ने युवराज और रैना को लुढ़काया। लोनबावो सोतसोबे ने रोहित को बोल्ड किया। हरभजन योहान बोथा का और चावला रॉबिन पीटरसन का शिकार बने। मोर्कल ने 52 रन पर चार विकेट, स्टेन ने 32 रन पर दो विकेट और सोतसोबे ने 57 रन पर दो विकेट लिए।
इससे पहले दक्षिण अफ्रीका वर्षा के कारण मैच रूकने के समय 42 ओवर में तीन विकेट पर 226 रन बनाकर मजबूत स्थिति में था। वर्षा रूकने के बाद जब खेल शुरू हुआ तो ओवरों की संख्या घटाकर 46 कर दी गई। दक्षिण अफ्रीका ने शेष चार ओवर में सिर्फ 24 रन जोड़े और छह विकेट गँवाए। जहीर खान के पारी के 46वें और आखिरी ओवर में सिर्फ एक रन बना और तीन बल्लेबाज आउट हुए।
अमला 132 गेंदों पर नौ चौकों की मदद से 116 रन बनाकर नाबाद रहे। अमला का वनडे में यह सातवाँ शतक है। यदि दक्षिण अफ्रीका के आखिरी ओवरों में इतने ज्यादा विकेट न गिरे होते तो भारत के लिए लक्ष्य कुछ और बड़ा हो सकता था।
अमला को आखिरी चार ओवरों में सिर्फ दो गेंदें ही खेलने को मिल पाई। यदि मैच के पहले 42 ओवर दक्षिण अफ्रीका के नाम रहे तो वर्षाबाधा के बाद के आखिरी चार ओवर भारत के नाम रहे।
भारतीय कप्तान धोनी ने टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला किया। जहीर ने दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ग्रीम स्मिथ को एक बार फिर अपना शिकार बनाया। स्मिथ सात रन बनाकर यूसुफ पठान को कैच थमा बैठे।
अमला और मोर्न वान विक (56) ने दूसरे विकेट के लिए 97 रन की साझीदारी की। पार्ट टाइम स्पिनर युवराज सिंह ने अपनी ही गेंद पर वान विक का कैच लपका। वान विक ने 63 गेंदों की अपनी पारी में आठ चौके लगाए। युवराज ने फिर एबी डी'विलियर्स (11) को स्टंप करवा मेजबान टीम को तीसरा झटका दिया। डी'विलियर्स ने 12 गेंदें खेलकर एक चौका जड़ा।
चौथे वनडे में महत्वपूर्ण अर्द्धशतक ठोंकने वाले जेपी डुमिनी ने एक बार फिर जाँबाज पारी खेलते हुए 44 गेंदों पर मात्र एक चौके की मदद से 35 रन बनाए। उन्होंने अमला के साथ चौथे विकेट के लिए 102 रन की दमदार शतकीय साझीदारी कर अफ्रीकी टीम को मजबूत स्कोर की ओर बढ़ा दिया।
बारिश आने के पहले तक अमला और डुमिनि मैदान पर प्रचंड गर्जना करते रहे लेकिन बारिश की बूंदों ने अफ्रीकी टीम को सिरे से ठंडा कर दिया। बारिश के बाद का खेल शुरू होते ही मुनाफ पटेल ने डुमिनी को अपनी ही गेंद पर कैच कर भारत को एक बार फिर मैच में वापस ला दिया।
इसके बाद मुनाफ ने अपने अगले ओवर में फाफ ड्यू प्लेसिस (8) और योहान बोथा (2) के विकेट झटक लिए। जहीर ने आखिरी ओवर रॉबिन पीटरसन (4) को बोल्ड किया जबकि डेल स्टेन और मोर्न मोर्कल अमला को स्ट्राइक देने के चक्कर में रन आउट हो गए। अमला ने इस ओवर की पहली गेंद पर एक रन लिया था जिसके बाद वह दूसरे छोर पर खडे ही रह गए।
धोनी ने चौथे वनडे की ही तरह इस मैच में भी आठ गेंदबाजों का इस्तेमाल किया जिनमें मुनाफ 50 रन पर तीन विकेट लेकर सबसे सफल रहे। जहीर ने 47 रन पर दो विकेट और युवराज ने 45 रन पर दो विकेट लिए। (वार्ता)