भारतीय क्रिकेट में नई पीढ़ी की दस्तक

ऐसा लगता है, भारतीय क्रिकेट का भविष्य सुरक्षित हाथों में है। रविवार को कुआलालंपुर में भारतीय युवा जाँबाजों ने अंडर-19 विश्वकप क्रिकेट के फाइनल में जिस तरह दक्षिण अफ्रीका की चुनौती को धराशायी किया, उसने आने वाले वर्षों के लिए सुनहरी तस्वीर पेश की है।

मौजूदा भारतीय क्रिकेटर आत्मविश्वास और चट्टानी संकल्प का प्रतीक नजर आता है। उसके हाव-भाव और बॉडी लैंग्वेज एक विजेता का अहसास कराते हैं। जैसा कि जूनियर विश्व चैंपियन टीम के कप्तान विराट कोहली कहते हैं, हम दुनिया में सबसे ऊपर हैं।

इस तरह का सोच-विचार रखने वाले लोग ही चैंपियन बनते हैं। दरअसल, 159 रनों के मामूली स्कोर पर आउट होने के बाद कामयाबी की मंजिल तक वही टीम पहुँच सकती है, जिसे अपनी काबिलियत पर पूरा भरोसा हो। कम स्कोर के बावजूद भारतीय शेरों ने दक्षिण अफ्रीका को अपने तूफानी जोश और हर हाल में जीतने की अदम्य इच्छा के बूते पछाड़ा है।

भारतीय क्रिकेट का वर्तमान परिदृश्य उम्मीदें जगाता है। इस समय शायद ही किसी अन्य देश में हर स्तर पर क्रिकेट सितारों की इतनी चमकदार आकाशगंगा होगी, जितनी भारत में है। दुनिया की क्रिकेट भारतीय रुपए के दम पर तेज रफ्तार से भाग रही है। क्रिकेट विश्व का 80 फीसदी धन हमारे देश से आता है। भारत क्रिकेट की सोने की खदान है। लोग यहाँ क्रिकेट के लिए दीवानगी की हद तक जा पहुँचे हैं।

टेस्ट मैचों, वनडे मैचों में हजारों की भीड़ जुटती है। भारत के मैच आते हैं तो घरों, दफ्तरों, कल-कारखानों और बाजारों में काम ठप पड़ जाता है। टीवी विज्ञापनों का बाजार अरबों रुपए का है। ट्वेंटी-20 क्रिकेट की इंडियन प्रीमियर लीग में खिलाड़ियों के लिए लगी करोड़ों रुपए की बोली भारतीय क्रिकेट की अकूत आर्थिक ताकत का प्रमाण है।

क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता का प्रभाव नई पीढ़ी पर होना स्वाभाविक है, भारतीय युवाओं के आइकॉन में सचिन तेंडुलकर, द्रविड़, गांगुली, धोनी, युवराज की भी गिनती होने लगी है। पिछले आठ-दस सालों से भारतीय टीम अपने सभी प्रतिद्वंद्वियों को कड़ी चुनौती दे रही है।

हम विदेशी धरती पर लगातार मैच जीत रहे हैं। विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया की नाक में हमने दम कर रखा है। ट्वेंटी-20 क्रिकेट का विश्व खिताब भी भारत के कब्जे में है। भारत में जैसे क्रिकेट प्रतिभा का विस्फोट हो चुका है।

हमारे खिलाड़ी प्रोफेशनलिज्म में किसी से पीछे नहीं हैं, कुदरती प्रतिभा के साथ हुनर और कौशल में वे बेमिसाल हैं। इधर, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने भी जूनियर और सीनियर क्रिकेट को सँवारने के लिए व्यवस्थित कार्यक्रम बनाया है। जूनियर विश्व कप में भारत की जीत इस बात का संकेत है कि आने वाले वर्षों में भारत क्रिकेट की मैदानी महाशक्ति बनकर उभरेगा।

पर्दे के पीछे का महारथी
युवाओं का महाकुंभ
छोटे देशों में बड़ा आयोजन
यहाँ तैयार होते हैं भविष्य के सितारे

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