भारतीयों में बराबरी करने की क्षमता-गिल

रविवार, 27 जनवरी 2008 (17:04 IST)
संन्यास लेने की घोषणा कर चुके विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट ने भारत को विश्व क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया के सबसे मजबूत प्रतिद्वंद्वियों में से एक बताते हुए कहा कि इस उपमहाद्वीप की टीम ने हाल के वर्षों में विश्व चैम्पियन के लिए काफी मुश्किलें खड़ी की हैं।

गिलक्रिस्ट यहाँ चल रहे चौथे और फाइनल टेस्ट के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लेंगे। उन्होंने कहा कि मैच जीतने के हिसाब से भारत में ऑस्ट्रेलिया के करीब पहुँचने की काबिलियत है।

उन्होंने टेस्ट शुरू होने से पहले टीवी को दिये साक्षात्कार में कहा भारत एक शानदार टीम है। वह हाल के वर्षों में हमारे खिलाफ काफी प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेल रही है। मुझे लगता है कि मैच जीतने के मामले में वे हमारे करीब आ सकते हैं।

गिलक्रिस्ट ने कहा उन्होंने एकजुट होकर पर्थ में रोमांचक जीत दर्ज की। हम यह लंबे समय से करते आ रहे हैं। वे हमारी तरह प्रदर्शन कर सकते हैं। उन्होंने हालाँकि इस बारे में साफ साफ नहीं कहा कि भारत उनका कड़ा प्रतिस्पर्धी बन रहा है क्योंकि इस टीम ने दो बार ऑस्ट्रेलिया को लगातार 17वीं जीत के विश्व रिकॉर्ड को रोक दिया है।

गिलक्रिस्ट ने कहा ऐसा ही काफी लोग कह रहे हैं। 17वीं जीत के अभियान को रोकना आलौकिक है यह एक संयोग भी हो सकता है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में भारत ने इस श्रृंखला के अलावा हमारे खिलाफ 2001-2004 में बढ़िया प्रदर्शन किया है। विशेषकर 2001 में।

वर्ष 2001 में वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ ने कोलकाता में ऑस्ट्रेलिया को हराकर 16 मैच के विजयी अभियान रोककर टेस्ट इतिहास में शानदार वापसी की थी। यह कप्तान स्टीव वॉ का अंतिम दौरा था। गिलक्रिस्ट ने कहा वह दौरा मेरे लिए यादगार दौरे में से एक रहा था। यह दौरा मेरे और टीम के लिए उतार-चढ़ाव का दौरा रहा था।

उन्होंने कहा मैंने मुंबई में पहले टेस्ट में एक शतक जड़ा था। इसके बाद कोलकाता में दूसरा सैकड़ा और चेन्नई में तीसरे टेस्ट में एक अंक का स्कोर बनाया था। गिलक्रिस्ट ने कहा एक लाख लोगों ने कोलकाता वाला मैच देखा था। लेकिन मैं दोहरा शतक जड़ने वाला अकेला था।

गिलक्रिस्ट ने कहा कि उनकी कप्तान बनने की कोई इच्छा नहीं है लेकिन जब भी उन्हें यह पद सौंपा गया उन्होंने इसे स्वीकार किया है। ऑस्ट्रेलिया के इस उपकप्तान को छह बार रिकी पोंटिंग की जगह नेतृत्व करने का मौका दिया गया है।

उन्होंने कहा मेरा ऐसा कोई विचार नहीं था कि मैं एक कप्तान बनना चाहता हूँ। देश की तरफ से खेलना और बढ़िया प्रदर्शन करना ही काफी है। मुझे लगता है कि रिकी इस जिम्मेदारी के लिए सही व्यक्ति हैं। मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूँ, जो पीछे देखकर किसी चीज का पश्चाताप करेगा।

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