ललित मोदी का निष्कासन तय

शनिवार, 3 जुलाई 2010 (19:53 IST)
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने शनिवार को यहाँ एक विशेष आम बैठक में ललित मोदी के खिलाफ सभी आरोपों की पुष्टि कर दी, जिससे निलंबित आईपीएल प्रमुख का बीसीसीआई से निष्कासन लगभग तय है।

इस बैठक में बोर्ड अध्यक्ष शंशाक मनोहर को निलंबित आईपीएल प्रमुख दीवानी और अपराधिक कार्रवाई शुरू करने का अधिकार भी दिया गया।

बैठक में मोदी के खिलाफ आरोपों को दोबारा से गठित की गई अनुशासनात्मक समिति के सुपुर्द किया है, जिसमें मनोहर की जगह केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल होंगे। मोदी ने मनोहर पर पक्षपात का आरोप लगाया था, जिसके बाद बोर्ड अध्यक्ष ने खुद को इस समिति से अलग कर लिया।

मनोहर ने कहा कि वित्तीय अनियमितताओं और आईपीएल अनुबंध तथा अधिकारों के मामलों के लिए मोदी के खिलाफ अपराधिक कार्रवाई भी शुरू की जा सकती है। मनोहर ने कहा कि बैठक में इस मामले में बातचीत करने के बाद फैसला किया गया कि बोर्ड अध्यक्ष के पास मोदी के खिलाफ किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई शुरू करने का अधिकार है।

शशांक ने कहा कि दीवानी और अपराधिक मामलों के बारे में फैसला समिति की जाँच के बाद किया जाएगा और इसका निर्णय अनुशासनात्मक समिति करेगी। मैं आपको बता सकता हूँ कि कुछ लोगों को निश्चित अधिकार दिए गए थे, लेकिन ‘टिकट जेनी’ नाम की कंपनी को दिए गए फाइनल और तीसरे स्थान के मैच के टिकट अधिकार के कोई करार नहीं थे। कितने टिकट बिके और कितने प्रिंट किए गए, इस पर कोई करार नहीं दिखाया गया।

सिंधिया के अलावा अनुशासनात्मक समिति में आईपीएल के अंतरिम प्रमुख चिरायु अमीन और बीसीसीआई के उपाध्यक्ष अरुण जेटली भी शामिल हैं। सिंधिया मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ के अध्यक्ष हैं और कांग्रेस के सांसद हैं।

मनोहर ने कहा कि इस बैठक में 30 सदस्य मौजूद थे, जिसमें 29 राज्य संघों के अध्यक्ष थे। बैठक में बीसीसीआई सचिव एन. श्रीनिवास के फैसले को सर्वसम्मित से मंजूरी दी गई और इस मामले को अनुशासनात्मक समिति के सुपुर्द कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि बैठक में सर्वसम्मित से सिंधिया को अनुशासनात्मक समिति में तीसरे सदस्य के तौर पर नियुक्त करने का निर्णय लिया गया। मोदी ने मुझ पर और श्रीनिवासन पर पक्षपात का आरोप लगाया था इसलिए हम दोनों ने सोचा कि सिंधिया इस समिति में शामिल किए जाने वाले उपयुक्त व्यक्ति हो सकते हैं क्योंकि वे किसी भी तरह से बोर्ड की रोजमर्रा की गतिविधियों से जुड़े हुए नहीं हैं।

वित्तीय अनियमितताओं के बारे में पूछे जाने पर मनोहर ने कहा कि मैं इस बारे में कुछ नहीं कर सकता, लेकिन इतना कह सकता हूँ कि ऐसे कई अनुबंध हैं जिसकी मुझे जानकारी नहीं है। मनोहर ने कहा कि मोदी को अनुशासन समिति के सामने उपस्थित होना पड़ेगा, जहाँ उन्हें टीवी और इंटरनेट अधिकारों सहित अन्य आरोपों पर जवाब देने का मौका मिलेगा।

उन्होंने कहा कि मोदी ने कहा कि उन्हें आठ करोड़ डॉलर के सुविधा शुल्क के बारे में पता नहीं है। उनसे जाँच समिति के सामने उपस्थित होकर एक अन्य जवाब देने के लिए कहा गया है। अनुशासन समिति की कार्य प्रणाली के बारे में पूछे जाने पर मनोहर ने कहा कि चूँकि वे अब इस पैनल का हिस्सा नहीं हैं, इसलिए इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। (भाषा)

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