अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ती तल्खियां दुनिया भर को परेशान कर रही हैं। हालांकि ईरान इकलौता नहीं है जिससे अमेरिका की नहीं पटती। गैलप सर्वे और थिंक टैंकों के मुताबिक ऐसे कई देश हैं जिनकी अमेरिकी से बिल्कुल नहीं बनती।
उत्तर कोरिया
साल 2018 के गैलप सर्वे के नतीजे बताते हैं कि पिछले कुछ सालों से ज्यादातर अमेरिकी उत्तर कोरिया को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मान रहे हैं। साल 2016 में महज 16 फीसदी लोग उत्तर कोरिया के परमाणु इरादों को खतरा मानते थे। वहीं 2018 तक करीब 51 फीसदी लोग ऐसा मानने लगे हैं।
रूस
सैन्य और परमाणु शक्ति संपन्न रूस को अमेरिका हमेशा ही शक की निगाह से देखता रहा है। अमेरिका-रूस के रिश्तों में उतार-चढ़ाव का लंबा इतिहास रहा है। 2016 में 15 फीसदी अमेरिकी रूस को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानते थे। साल 2018 तक आते-आते यह आंकड़ा 19 फीसदी पर पहुंच गया।
चीन
चीन और अमेरिका के बीच बढ़ती कारोबारी जंग दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित कर सकती है। मार्क्सवादी विचारधारा का समर्थक रहा चीन भी अमेरिका को कभी नहीं भाया। साल 2016 में 12 फीसदी लोग चीन को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानते थे, हालांकि साल 2018 तक यह आंकड़ा 11 फीसदी पर पहुंच गया।
ईरान
साल 2006 से 2012 तक अमेरिका के दुश्मनों की सूची में ईरान पहले नंबर पर जमा रहा, लेकिन इसके बाद के सालों में दुश्मनी का यह आंकड़ा कुछ घटा। साल 2015 में यह सबसे कम 9 फीसदी तक पहुंच गया। साल 2018 के नतीजों में महज 7 फीसदी अमेरिकी लोगों ने ईरान को अपना सबसे बड़ा दुश्मन माना।
सीरिया
इस सूची में एक नाम युद्धग्रस्त सीरिया का भी है। कनाडा के थिंक टैंक सेंटर फॉर रिसर्च ऑन ग्लोबलाइजेशन ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि मध्यपूर्व में अपनी रणनीतिक स्थिति के चलते सीरिया अमेरिका के लिए बहुत अहम है। लेकिन सीरिया के सत्ताधारी दल की ईरान, फलस्तीन, इराक और रूस से निकटता अमेरिका को बिल्कुल भी पसंद नहीं।
वेनेजुएला
थिंक टैंक मानते हैं कि वेनेजुएला का तेल भंडार और इसकी सामाजिक राजनीतिक व्यवस्था अमेरिका-वेनेजुएला के रिश्तों की बीच सबसे बड़ी दीवार है। हालांकि इन दिनों वेनेजुएला मुद्रास्फीति और आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। हाल में ही वेनेजुएला ने अमेरिका के साथ सभी राजनयिक संबंध भी तोड़ लिए।