विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' एक तरफ तो आगे की रणनीति बनाने में जुटा है, लेकिन कई पहलुओं पर पार्टियों में मतभेद सामने आ रहे हैं। सीपीएम का पश्चिम बंगाल और केरल में सीटों के बंटवारे से इनकार गठबंधन के लिए चिंता का विषय है।
दिल्ली में सीपीएम के पोलिटब्यूरो की हाल ही में हुई एक बैठक के बाद पार्टी की तरफ से जो बयान जारी किया गया उसमें लिखा गया है कि 'इंडिया' गठबंधन में "सभी सदस्य दलों के नेता सभी फैसले लेंगे, लेकिन ऐसा कोई संगठनात्मक ढांचा नहीं बनाना चाहिए जो ऐसे फैसलों के रास्ते में अवरोधक बनेगा।"
इनमें कांग्रेस, एनसीपी, डीएमके, शिवसेना (उद्धव), आम आदमी पार्टी, आरजेडी, तृणमूल कांग्रेस, सीपीआई, जेएमएम, एनसी, पीडीपी, जेडीयू, एसपी के नेताओं को शामिल किया गया था। माना जा रहा था कि एक स्थान सीपीएम के लिए ही रिक्त रखा गया था, ताकि पार्टी अपने पोलिटब्यूरो की बैठक की बाद समन्वय समिति में अपने प्रतिनिधि का नाम दे सके।
कई मुद्दों पर भी मतभेद
राज्य स्तर पर गठबंधन की सदस्य पार्टियां किस तरह की रणनीति बनाएंगी यह शुरू से गठबंधन के सामने बड़ा सवाल रहा है। सीपीएम के अलावा कांग्रेस के अंदर भी आम आदमी पार्टी के साथ दिल्ली, पंजाब समेत कई राज्यों में समन्वय पर शंका है।