इस नए कानून को 'इकोसाइड लॉ' का नाम दिया जा रहा है। पर्यावरण को जान-बूझकर नुकसान पहुंचाने वालों को इसके तहत सजा दी जाएगी। दरअसल, 1 साल पहले फ्रांस में सरकार ने 150 लोगों वाली एक पर्यावरण समिति का गठन किया था। 'सिटीजंस कन्वेंशन फॉर द क्लाइमेट' नाम की इस समिति की ओर से सिफारिश के बाद कानून का प्रस्ताव दिया गया।
देश के न्याय मंत्री एरिक ड्यूपॉन्ट-मोरेटी और पारिस्थितिकी मंत्री बारबरा पोम्पिली ने साप्ताहिक समाचार पत्र 'ले जोरनाल दु डिमांच' से बातचीत में कहा कि हम प्रदूषण के अपराध से जुड़ा एक कानून बनाने जा रहे हैं। सजा इस पर निर्भर करेगी कि अपराधी की मंशा क्या थी? हम पर्यावरण न्याय के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर पार कर रहे हैं। इन अपराधों में प्रदूषण फैलाने और पर्यावरण को खतरे में डालने जैसे अपराध शामिल हैं।
न्याय मंत्री ने कहा कि मैं पर्यावरण को लेकर गुंडागर्दी को खत्म करना चाहता हूं कि सजा 3 से 10 साल के बीच हो सकती है। यह इस पर निर्भर करेगा कि अपराध लापरवाही का नतीजा था या जान-बूझकर किया गया था। जुर्माने को लेकर भी कई तरह के प्रस्ताव दिए गए हैं। मिसाल के तौर पर नदी में कचरा फेंकने से कंपनी ने जो पैसा बचाया या उसे जो मुनाफा हुआ, उसका करीब 10 गुना जुर्माना लगाया जाए।
अपराध करने से पहले ही मिल जाएगी सजा?
'पर्यावरण को खतरे में डालने' के कानून के तहत संभावित अपराधियों को अवैध रूप से प्रदूषण फैलाने से पहले भी दंडित किया जा सकता है। इसके अलावा ऐसे विशेष पर्यावरण अधिकार क्षेत्र भी बनाए जाएंगे, जहां नागरिकों की शिकायतों से निपटने और योजनाओं को बेहतर बनाने पर काम होगा। पर्यावरण समिति ने राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रों को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती के लिए 149 प्रस्ताव भी दिए हैं। मैक्रों ने इनमें से 146 को सरकारी नीतियों में बदलने का आश्वासन दिया है।
बारबरा पोम्पिली ने इस बारे में कहा कि अब किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा और यह सभी के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि पर्यावरण कानून का सम्मान हर किसी को करना होगा।' उन्होंने कहा कि पर्यावरण को होने वाले नुकसान को न केवल रोका जाना चाहिए और नुकसान पहुंचाने वालों को दंडित किया जाना चाहिए, बल्कि उसमें सुधार लाना भी जरूरी है। इस पर न्याय मंत्री एरिक ड्यूपॉन्ट-मोरेटी ने कहा कि हम चाहते हैं कि पर्यावरण कानून का रोजमर्रा के जीवन में हर जगह सम्मान हो। इसके लिए हम अब नींव रख रहे हैं।