सपने की दुनिया अनोखी है। हम सपने कैसे देखते हैं, क्यों देखते हैं और कब देखते हैं इसके बारे में विज्ञान भी अब तक ज्यादा कुछ नहीं जान पाया है। जानिए, सपनों की अनोखी बातें।
खर्राटे और सपने एक साथ नहीं आते : जब आप खर्राटे ले रहे होते हैं तो आपको सपना नहीं आएगा। और इसका उलटा भी नहीं होगा।
डेढ़ घंटे का सपना : एक सामान्य वयस्क एक रात में औसतन डेढ़ से तीन घंटे सपने देखता है।
छह साल सपनों में : एक औसत इंसान अपनी जिंदगी के 25 साल सोते हुए गुजारता है और इस दौरान छह साल सपनों में रहता है।
जानवरों के सपने : आधुनिक रिसर्च दिखाती हैं कि बच्चों को जानवरों के सपने बड़ों से ज्यादा आते हैं।
लिवर में सपने : दार्शनिक प्लेटो के मुताबिक सपने पेट से निकलते हैं। वह कहते हैं कि सपने लिवर में रहते हैं।
सेक्स के सपने : रिसर्च दिखाती है कि अगर आप कम कैलरी वाला खाना खाते हैं तो आपको सेक्स के सपने कम आते हैं।
सपने में लकवा : कई बार आप सपने में डरकर उठ जाते हैं लेकिन शरीर को चाहकर भी हिला नहीं पाते। इसे ओल्ड हैग सिंड्रोम कहते हैं। ऐसा दुनिया के 40 फीसदी लोगों के साथ होता है।
1460 सपने : एक औसत इंसान साल में लगभग 1460 सपने देखता है यानी एक रात में औसतन चार सपने।
नेत्रहीनों के सपने : जन्म से ही नेत्रहीन लोग अपने सपनों में बस स्पर्श, गंध और स्वाद को महसूस करते हैं। जो बच्चे 7 साल के बाद दृष्टि खो देते हैं उन्हें पूरी उम्र सपने दिखाई देते हैं।
गर्भवती के सपने : मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि प्रेग्नेंट महिलाओं को हॉर्मोनल बदलावों की वजह से बाकी लोगों के मुकाबले ज्यादा सपने याद रहते हैं।