क्या सोने की जरूरत नहीं होती हाथियों को?

गुरुवार, 2 मार्च 2017 (16:00 IST)
ऐसा कहा जाता है कि हाथियों को सब कुछ याद रहता है और वे कभी कुछ नहीं भूलते। लेकिन अब कुछ ऐसे अध्ययन सामने आए हैं जो साबित कर रहे हैं कि हाथियों की नींद सबसे कम होती है या यूं कहिये की ये न के बराबर सोते हैं।
वैज्ञानिकों ने अपने एक अध्ययन में हाथियों की नींद को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किये हैं। दुनिया का चौथा सबसे बड़ा स्तनपायी जीव रोजाना औसतन दो घंटे की ही नींद लेता है। नींद का यह सिलसिला भी रोजाना का नहीं है। कुछ दिन तो यह बिल्कुल भी नहीं सोता और कई दिन बस खड़े-खड़े ही झपकी मार लेता है। ये किसी भी स्तनपायी जीव की नींद की सबसे कम अवधि है। पिछले शोधों में हाथियों की औसत नींद की अवधि को चार-छह घंटे तक बताया गया था।
 
साइंस पत्रिका "प्लॉस वन" ने इस विषय में अध्ययन कर रहे शोधकर्ताओं के हवाले से लिखा है कि पशुओं के प्राकृतिक वातावरण के बारे में अध्ययन किये जाने की जरूरत है। दक्षिण अफ्रीका की एक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक नेशनल पार्क में रहने वाली दो मादा हाथियों पर 35 दिन तक नजर रखी। उनकी नींद की अवधि और स्थान की जानकारी प्राप्त करने के लिए उनके शरीर में छोटे आकार के कुछ उपकरण और जीपीएस कॉलर भी लगाये।
 
शोधकर्ता पॉल मैंगर का मानना है कि ये दोनों हथनियां, हाथियों के बड़े समुदाय का प्रतिनिधित्व करती हैं। शोध के मुताबिक ये मादा हाथी कई बार तो 30 किमी तक चलती रहीं और अपने 46 घंटे के लंबे सफर में एक बार भी नहीं सोईं। मैंगर के मुताबिक इनके न सोने का एक कारण शेर और इंसानी शिकारियों से सतर्क रहना भी हो सकता है। हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई की भविष्य में ऐसे शोध नर हाथियों समेत बड़े समूहों पर करना भी संभव हो सकेगा।
 
मैंगर के मुताबिक ये मादा हाथी आम तौर पर रात तड़के 2 बजे से सुबह 6 बजे के बीच सोईं। जब ये किसी रात नहीं भी सोईं तब भी अगली रात को उन्होंने  अतिरिक्त नींद नहीं ली और एक दिन में अधिकतम नींद 5 घंटे की ही दर्ज की गई। हाथियों के बाद स्तनपायी जीवों में सबसे कम शायद घरेलू घोड़े ही सोते हैं। घोड़े एक दिन में तीन घंटे की नींद लेते हैं। हालांकि चमगादड़ जैसे स्तनपायी जीव 19 घंटे तक सोते हैं। मैंगर के मुताबिक इंसान 6-9 घंटे की औसतन नींद लेते हैं।
 
हाथियों में रैपिड आई मूवमेंट (आरएएम) स्लीप जैसे तत्वों को अनुभव किया गया। यह मूवमेंट अधिक सपने देखने और शरीर की मूवमेंट से जुड़ा होता है। मैंगर के मुताबिक आरएएम स्लीप बहुत सारी यादों से जुड़ा होता है। उन्होंने कहा कि हमें अभी हाथियों में यादों की जानकारी नहीं हैं लेकिन हाथियों में आरएएम स्लीप को अनुभव किया जाना आरएएम स्लीप की एक केंद्रीय परिकल्पना के विपरीत है।
 
- एए/एमजे (रॉयटर्स, एएफपी)

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