ये अवशेष 54 करोड़ साल पुराने हैं और कहा जा रहा है कि इंसानी पूर्वजों के अब तक मिले सबसे पुराने अवशेष हैं। जिस जीव के ये अवशेष हैं वे झोलानुमा शरीर और बहुत बड़े मुंह वाले रहे होंगे। केंब्रिज यूनिवर्सिटी के अवशेषविज्ञानी सिमोन कॉनवे मोरिस कहते हैं कि इंसान के वजूद के निशान दो लाख साल पहले मिलते हैं लेकिन उनके भी पूर्वज रहे होंगे। इन्ही पूर्वजों में आए बदलावों से मौजूदा इंसान बना है। जो नए अवशेष मिले हैं उन जीवों को सैकरहाइटस कहा गया है जिसका मतलब होता है झुर्रियों वाला बोरा। इसके बारे में मोरिस कहते हैं, "सुंदरता तो देखने वाले की आंख में होती है ना?"
वैज्ञानिकों का मानना है कि सैकरहाइटस कैंब्रियन युग में रहता था। इसके जरिए इंसान के विकास की अहम जानकारियां मिली हैं। एक अन्य अवशेष विशेषज्ञ चीन की नॉर्थवेस्ट यूनिवर्सिटी के देगान शू कहते हैं, "सैकरहाइटस इंसानी विकास की प्रक्रिया की एकदम शुरुआत के बारे में अद्भुत जानकारियां देता है। सैकरहाइटस से ही मछली बनी थी। और फिर अंततः इंसान बना।"
चीन के शानशी प्रांत में लगभग 40 सैकरहाइटस के अवशेष बहुत सहेजे हुए से मिले हैं। अनुमान है कि ये उथले समुद्र में रहने वाले जीव थे। इनका बड़ा सा मुंह था और खाने को सीधे निगल जाते होंगे। शोधकर्ताओं को इन जीवों में कोई मलद्वार नहीं मिला है तो वे अनुमान लगा रहे हैं कि ये जीव मुंह से ही मलत्याग भी करते होंगे। इस बारे में मोरिस कहते हैं कि हमारे लिहाज से तो यह बड़ा ही बुरा सा लगता है। यह शोध नेचर पत्रिका में छपा है।