यूरोपीय देशों के निवासियों की तरह अब भारतीयों को भी ऑस्ट्रेलिया में छुट्टी के दौरान काम करने के लिए वीजा मिलेगा। ऑस्ट्रेलियाई गृह मंत्रालय ने वीजा नियमों में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है, जिसके तहत भारत को सबक्लास 462 (वर्क एंड हॉलीडे) वीजा कार्यक्रम में शामिल किया गया है। इस बदलाव का मकसद युवा भारतीयों के लिए ऑस्ट्रेलिया में मौके बढ़ाना और ऑस्ट्रेलिया व प्रमुख साझेदार देशों, जैसे भारत, चीन और वियतनाम के बीच सांस्कृतिक और शैक्षिक संबंधों को मजबूत करना है।
हाल ही में माइग्रेशन ऐक्ट में जोड़े गए एक संशोधन के तहत भारत को आधिकारिक रूप से 'वर्क एंड हॉलीडे' वीजा कार्यक्रम में शामिल कर लिया गया है। 16 सितंबर 2024 से भारत के पासपोर्ट धारक नागरिक इस वीजा के लिए आवेदन कर सकेंगे। यह वीजा 18 से 30 साल के युवाओं को ऑस्ट्रेलिया में काम करते हुए घूमने और अपने खर्चों को पूरा करने का मौका देगा।
चमन प्रीत, मेलबर्न स्थित 'माइग्रेशन एंड एजुकेशन एक्सपर्ट्स' की निदेशक हैं। यह कंपनी आप्रवासन और नागरिकता संबंधी सेवाएं देती है। 'वर्क एंड हॉलीडे' वीजा कार्यक्रम में ताजा बदलाव पर वह कहती हैं कि भारत को इस कार्यक्रम में शामिल करके ऑस्ट्रेलिया अपने सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय साझेदारों में से एक के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत कर रहा है।
डॉयचे वेले से बातचीत में चमन प्रीत ने कहा, "यह संशोधन भारतीय यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण मौका हो सकता है, जिससे वे ऑस्ट्रेलिया में घूमते हुए काम करने का लाभ उठा सकेंगे।”
भारतीय आवेदकों के लिए नियम
जो भारतीय नागरिक इस वीजा के लिए आवेदन करना चाहते हैं, उन्हें कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी। खास बात यह है कि भारतीय आवेदकों को विदेशी सरकार के समर्थन का सबूत देने की शर्त में छूट दी गई है, जो कि आमतौर पर अन्य देशों के आवेदकों से मांगा जाता है।
हालांकि, भारतीय आवेदकों के लिए शैक्षिक योग्यता की कुछ शर्तें रखी गई हैं। यह सुनिश्चित किया गया है कि केवल वे उम्मीदवार आवेदन करें, जो जरूरी शैक्षिक योग्यताएं रखते हैं।
ऑस्ट्रेलियाई गृह मंत्रालय के मुताबिक भारतीय, चीनी और वियतनामी नागरिकों के लिए एक नई पूर्व-आवेदन प्रक्रिया (लॉटरी सिस्टम) शुरू की गई है। इसके जरिए इन देशों के नागरिक इस वीजा आवेदन के लिए चुने जाएंगे। इस पूर्व-आवेदन प्रक्रिया के तहत वीजा आवेदन के लिए उम्मीदवारों को पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा और लॉटरी के जरिए उनका चयन किया जाएगा। मंत्रालय के मुताबिक, ऐसा आवेदन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए है।
चुने हुए उम्मीदवारों को इसकी सूचना दी जाएगी। हालांकि, यदि कोई उम्मीदवार 31 वर्ष की आयु से पहले चुने नहीं जाते, रजिस्ट्रेशन वापस ले लेते हैं, या उनकी मृत्यु हो जाती है, तो उनका नाम सूची से हटा दिया जाएगा।
भारत के साथ समझौते का नतीजा
भारत को 'वर्क एंड हॉलीडे' वीजा कार्यक्रम में शामिल करने का निर्णय 2022 में ऑस्ट्रेलिया-भारत आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ईसीटीए) के तहत लिया गया था। इस ऐतिहासिक समझौते में ऑस्ट्रेलिया ने हर साल 1,000 भारतीय युवाओं को 'वर्क एंड हॉलीडे' वीजा देने का वादा किया था। इसका उद्देश्य क्षेत्रीय पर्यटन और कामगारों को बढ़ावा देना और दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को गहरा करना है।
यह व्यापार समझौता दिसंबर 2022 में लागू हुआ था। इसके तहत ऑस्ट्रेलियाई निर्यात पर 85 फीसदी तक शुल्क समाप्त कर दिया गया था और कई अन्य क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा दिया गया, जिनमें शिक्षा और सेवाएं भी शामिल हैं। यह वीजा कार्यक्रम अब उसी समझौते की प्रतिबद्धता को पूरा करता है।
उस समय ऑस्ट्रेलिया प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीजी ने कहा था, "ईसीटीए ऑस्ट्रेलिया के ग्रामीण इलाकों में पर्यटन और कामगारों की जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा। इसके तहत भारतीय युवाओं के लिए 1,000 जगहें उपलब्ध कराई जाएंगी। ऑस्ट्रेलिया और भारत अब ईसीटीए के आधार पर एक व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते को आगे बढ़ा रहे हैं। ऑस्ट्रेलियाई सरकार कपड़ा और सेवाओं के क्षेत्र में और अधिक अवसर हासिल करने के साथ-साथ डिजिटल व्यापार, सरकारी खरीद और नए सहयोग क्षेत्रों में भी नई प्रतिबद्धताओं की दिशा में काम कर रही है।”
भारत के लिए बड़ा बदलाव
इस बदलाव से ऑस्ट्रेलिया उन युवा, कुशल और उत्साही यात्रियों को आकर्षित कर रहा है, जो काम और यात्रा के अवसरों की तलाश में हैं। इसके तहत अब भारतीय पासपोर्ट धारक इस वीजा के जरिए ऑस्ट्रेलिया में 12 महीने तक काम कर सकते हैं। इस अवसर की मदद से उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार में काम का अनुभव हासिल करने, अपने खर्चों को पूरा करने और ऑस्ट्रेलियाई संस्कृति में घुलने-मिलने का मौका मिलेगा।
यह वीजा आम टूरिस्ट वीजा से यह अलग है क्योंकि इस वीजा पर आने वाले लोग काम करने और पढ़ने के अधिकार रखते हैं। देश के गृह मंत्रालय के मुताबिक, 'वर्क एंड हॉलीडे' वीजा चुनिंदा देशों के 18 से 30 साल के युवाओं को (कनाडा, फ्रांस और आयरलैंड के मामले में यह आयु सीमा 18 से 35 वर्ष है) काम करने और चार महीने तक पढ़ाई करने का अधिकार देता है।
ऑस्ट्रेलिया का बैकपैकर्स वीजा अब तक बेल्जियम, कनाडा, साइप्रस, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, हांगकांग, आयरलैंड, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, माल्टा, नीदरलैंड्स, नॉर्वे, स्वीडन, ताइवान और युनाइटेड किंग्डम, यानी सिर्फ 19 देशों के लोगों को मिल सकता था। इनमें से अधिकतर यूरोप के थे।