2014 से अब तक 23,000 करोड़पति भारत छोड़ चुके हैं। इनमें से 7,000 अमीरों ने तो भारत 2017 में छोड़ा। कुछ ऐसा ही चलन चीन और फ्रांस में भी देखने को मिल रहा है। वहां के अमीर भी तेजी से विदेशों में बस रहे हैं। भारतीय अखबार इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक इसके लिए काले धन पर कड़ी कार्रवाई भी जिम्मेदार हो सकती है। मीडिया की रिपोर्टों में अब तक ऐसे लोगों का ही जिक्र हो रहा है जो कानूनी कार्रवाई के डर से भाग रहे हैं। लेकिन उन हजारों मामलों की चर्चा नहीं हैं, जो अच्छी जिंदगी और अच्छे अवसरों के चलते भारत छोड़ रहे हैं।
मॉर्गन स्टेनली इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट के चीफ ग्लोबल स्ट्रैटजिस्ट रुचिर शर्मा की टीम ने यह आंकड़े पेश किए हैं। आंकड़ों के मुताबिक 2.1 प्रतिशत भारतीय अमीर, 1.3 फ्रेंच अमीर और 1.1 चीनी रईस अपना देश छोड़ चुके हैं। सर्वे में दुनिया भर के 1,50,000 अमीरों को शामिल किया गया। ये ऐसे अमीर हैं, जिनकी संपत्ति एक करोड़ डॉलर से ज्यादा है। इकोनॉमिक टाइम्स से बात करते हुए रुचिर शर्मा ने कहा, "इनमें से कुछ अमीर शायद भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम के चलते देश छोड़ रहे हैं।" भ्रष्टाचार के खिलाफ हो रही कार्रवाई के चलते कुछ लोग मनोवैज्ञानिक रूप से डर चुके हैं। कर्जा न लौटा पाने के डर से भी अमीर दूसरे देशों का रुख कर रहे हैं।
भारत के ब्लैक मनी एंड इंपोजिशन ऑफ टैक्स एक्ट, 2015 के मुताबिक विदेशों में अथाह संपत्ति रखने वालों को एक बार टैक्स चुकाकर अपना सारा पैसा व्हाइट करने का मौका दिया जाएगा। लेकिन इसके बाद अगर किसी की विदेशों में अघोषित संपत्ति पाई गई तो उसे जेल की सजा हो सकती है।
अपना देश छोड़ने वाले अमीरों के कुछ पंसदीदा ठिकाने भी हैं। इनमें यूके, दुबई, सिंगापुर, ऑकलैंड, मोंट्रियाल, तेल अवीव और टोरंटो शामिल हैं। भारत के अमीर सबसे ज्यादा यूके, दुबई और सिंगापुर जा रहे हैं। फ्रांस के अमीर शायद बहुत ज्यादा टैक्स से परेशान होकर दूसरे देशों का रुख कर रहे हैं। ब्रेक्जिट के बाद यूके के अमीर भी दूसरे देशों में अपनी संभावनाएं तलाशने लगे हैं।