दूसरी, तीसरी, चौथी शादियां कराने वाला ऐप

मंगलवार, 3 अक्टूबर 2017 (11:00 IST)
इंडोनेशिया में बहुविवाह में मदद के लिए सामने आए एक मोबाइल ऐप को लेकर बहस तेज हो गयी है। मोबाइल ऐप पुरुषों को दूसरी, तीसरी, चौथी बीवियों के लिए विकल्प देता है।
 
यह ऐप विवाहित लोगों के बीच संबंध बनाने में मदद करता है। ऐप बनाने वाले लिंडू परायानाम को महसूस हुआ कि बहुत सारे पुरुष दूसरी पत्नी की तलाश कर रहे है, लेकिन उनकी जरूरतें कुछ एक ऑनलाइन डेटिंग वेबसाइटों से पूरी नहीं हो पा रही हैं। पारायानाम ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, "जब वो रेगुलर डेटिंग वेबसाइट पर जाते हैं तो उन्हें वहां पॉलिगैमी के लिए विकल्प नहीं मिलते। उन्हें दूसरी, तीसरी या चौथी बीवियों के लिए विकल्प नहीं मिलता।"
 
आयो पोलीगैमी नाम का मोटे तौर पर मतलब है चलो बहुविवाह करते हैं। इस स्मार्टफोन ऐप का लक्ष्य पुरुषों को उन महिलाओं के संपर्क में लाना है जो अपना परिवार बड़ा बनाना चाहती हैं।" यह एक डेटिंग ऐप है जिसने अप्रैल में लॉन्च होने के बाद से ही हलचल मचा रखी है।
 
इंडोनेशिया की 25 करोड़ आबादी में 80 फीसदी लोग मुसलमान हैं और यहां बहुविवाह कानूनी रूप से जायज है। इंडोनेशिया में मुसलमान चार बीवियां रख सकता है बशर्ते अगर अदालत और पहली बीवी इसके लिए मंजूरी दे दे। मुसलमानों की आबादी के लिहाज से यह दुनिया का सबसे बड़ा मुल्क है। कोर्ट के अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि कितने इंडोनेशिया में कितने लोग एक से ज्यादा बीवियों के साथ रहते हैं। सामाजिक कार्यकर्ताओँ का कहना है कि अकसर पुरुष अदालत में गलत जानकारी देते हैं और महिलाओं से भी चालबाजी कर अपना काम निकाल लिया जाता है।
 
स्मार्टफोन ऐप को 10 हजार लोगों ने डाउनलोड किया लेकिन इसके बाद इस पर नये सदस्यों को रजिस्टर करना बंद कर दिया गया। ऐप चलाने वालों को अंदेशा है कि इस पर लोग गलत जानकारी दे कर जाली अकाउंट बना रहे हैं। इसके अलावा बहुत से पुरुष अपनी पहली बीवी की मर्जी के बगैर इसका इस्तेमाल कर रहे थे। मोबाइल ऐप का नया वर्जन 5 अक्टूबर को लॉन्च हो रहा है औऱ यह इस्तेमाल करने वालों पर कड़ी सख्ती बरतेगा। यूजरों को इसके लिए अपना आईडी कार्ड, विवाहित स्थिति और पहली पत्नी से लिखित मंजूरी की कॉपी देनी होगी।
 
इंडोनेशिया की एक फैक्टरी में काम करने वाले लाइयस युसूफ फसाइया की पहले से दो पत्नी यां हैं उनका कहना है कि वह इस ऐप का इस्तेमाल यह जानकारी जुटाने में करते हैं कि बहुविवाह को कैसे कायम रखें। राजधानी जकार्ता से करीब 90 किलोमीटर दूर बोगोर गांव में रहने वाले युसूफ ने कहा, "बहुत से लोग बीवियां ढूंढ रहे हैं, वे लोग पूछते हैं कि बहुविवाह कैसे शुरू करें, कैसे उन्हें बनाए रखें और सरकार के इस बारे में नियम क्या हैं।" 37 साल के युसूफ इन सवालों से बचते रहे कि क्या वो अपने लिए और बीवी ढूंढ रहे हैं लेकिन उन्होंने यही कहा कि वो बहुविवाह के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं। उनकी पहली शादी 2000 में हुई थी छह साल बाद उन्होंने दूसरी शादी की।
 
ऐप इस्तेमाल करने वालों में ज्यादातर पुरुष हैं लेकिन 4,000 महिलाओँ ने भी इस ऐप पर खुद को रजिस्टर कराया है। विवाह के मामले देखने वाले वकील राशमत द्वी पुत्रांतो का कहना है कि इंडोनेशिया में बहुविवाह आसानी से नहीं होता। कोर्ट तथबी मंजूरी देती है जब पहली पत्नी विकलांग, बीमार या फिर बच्चे पैदा करने में असमर्थ हो।
 
महिलाओँ के विरुद्ध हिंसा के मामलों को देखने के लिए सरकार समर्थित आयोग के आयुक्त इंद्रियाती सुपर्णो का कहना है कि ऐप बहुविवाह को आम बनाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा, "सच्चाई यह है कि बहुविवाह के मामलों में महिलाओँ के साथ घरेलू हिंसा होती है और बहुविवाह एक तरह से महिलाओं के खिलाफ हिंसा ही है।"
 
इंडोनेशिया के महिला सशक्तिकरण और बाल विकास मंत्रालय का कहना है कि यह लोगों पर है कि वह इस ऐप का इस्तेमाल करें या नहीं क्योंकि देश में बहुविवाह कानूनी रूप से जायज है। मंत्रालय के प्रवक्ता हसन ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, "हमारे लिए अहम यह है कि बहुविवाह में महिलाओँ और बच्चों का संरक्षण हो।"
 
एनआर/ओएसजे (रॉयटर्स)

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