सरकारी अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा राहत एजेंसी पूरी तरह तैयार है और ज्वालामुखी के आसपास के लोगों को हटाकर स्कूलों, जिम्नेशियमों, अस्थाई शिविरों तथा गांवों में ठहराया गया है। पिछले हफ्ते ज्वालामुखी के विस्फोट के उच्चतम स्तर को देखते हुए हजारों ग्रामीणों को इस ज्वालामुखी के दायरे से हटने को कहा गया है।
अधिकारियों ने बताया कि इन लोगों के पास तीस हजार मवेशी भी हैं, जिनकी हिफाजत करना काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि ये इन ग्रामीणों की आजीविका का साधन हैं। इस ज्वालामुखी में पिछली बार 1963 में जोरदार विस्फोट हुआ था जिसमें एक हजार से अधिक लोग मारे गए थे।